हिन्दू धर्म में भगवान शिव के प्रति लोगो की बहुत गहरी आस्था है, जिस वजह से श्रद्धालु भगवान शिव की कठिन-से कठिन यात्राओं को पूर्ण करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है जिस वजह से कैलाश यात्रा बहुत ही पवित्र, शुभ और मोक्षदायनी मानी जाती है।
भगवान शिव के कैलाश पर्वत के अलावा चार और निवास स्थान माने गए हैं, जो किन्नौर कैलाश, मणि-महेश कैलाश, श्रीखंड कैलाश, और आदि कैलाश हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ इन सभी कैलाश यात्राओं का भी बहुत अधिक महत्व है, जिस कारण हर साल इन यात्राओं के शुरू होने पर अधिक संख्या में लोगो ये यात्रायें करते हैं।
इस ब्लॉग में हम जिस कैलाश यात्रा के बारे में बताने जा रहे हैं वह सबसे कठिन और दुर्गम कैलाश यात्रा है। हम बात कर रहे हैं “श्रीखंड कैलाश यात्रा” की। इस ब्लॉग के माध्यम से आप श्रीखंड कैलाश यात्रा 2025 के रजिस्ट्रेशन, यात्रा का रूट, यात्रा बजट, और श्रीखंड कैलाश यात्रा कैसे करें? आदि की सभी जानकारी को जान सकते हैं। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े और किसी भी अन्य जानकारी को जानने के लिए हमसे संपर्क करें…
श्रीखंड कैलाश कहाँ है?
श्रीखंड कैलाश भगवान शिव के पांच कैलाश में से एक है। श्रीखंड कैलाश भारत के हिमांचल प्रदेश के कुल्लू जिले में समुद्र ताल से लगभग 17150 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह कैलाश यात्रा सबसे दुर्गम और कठिन कैलाश यात्रा मानी जाती है क्योंकि इस यात्रा के दौरान आपको एक तरफ से लगभग 32 किलोमीटर का ट्रेक करना होगा। यह यात्रा सिंघगढ़ से शुरू होती है, जो इस यात्रा का बेस कैंप है।
श्रीखंड कैलाश यात्रा 2025 कब शुरू होगी?
श्रीखंड कैलाश यात्रा हर साल जुलाई से अगस्त के महीने में शुरू होती है। इस साल 2025 में श्रीखंड कैलाश यात्रा 10 जुलाई 2025 से शुरू होगी और 23 जुलाई 2025 तक चलेगी। यह यात्रा मानसून सीजन में होती है जिस वजह से यह यात्रा और भी कठिन हो जाती है और अधिक बारिश होने पर कभी भी बंद कर दी जाती है।
श्रीखंड कैलाश यात्रा 2025 का रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
श्रीखंड कैलाश यात्रा करने के लिए आपको यात्रा का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आप श्रीखंड कैलाश यात्रा का रजिस्ट्रेशन दो तरह से करा सकते हैं- एक ऑनलाइन और दूसरा ऑफलाइन। हम दोनों तरह से श्रीखंड कैलाश यात्रा का रजिस्ट्रेशन कराने की जानकारी को आपके साथ साझा करेंगे।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
किसी भी यात्रा का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कराना सबसे अच्छा माध्यम रहता है। जिससे आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। श्रीखंड कैलाश यात्रा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना काफी आसान है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको सबसे पहले श्रीखंड कैलाश यात्रा की गवर्नमेंट वेबसाइट (https://shrikhandyatra.hp.gov.in/register) पर जाना होगा।

जैसे ही आप इस वेबसाइट पर क्लिक करेंगे तो आपके सामने एक पेज खुल जायेगा। जिसमें ऊपर की ओर यात्रा और रजिस्ट्रेशन से जुड़े हुए दिशा-निर्देश दिए गए हैं बाकि नीचे की ओर एक फॉर्म मिल जायेगा। आपको उस फॉर्म को पूरा भरना होगा जिसमें आपको अपनी पर्सनल और यात्रा से जुड़ी जानकारी (जैसे- आपका नाम, आपके पिता का नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, आपका राज्य, पता, यात्रा करने की तिथि, आईडी प्रूफ (आधार कार्ड/वोटर आईडी), और मेडिकल सर्टिफिकेट आदि) भरनी होगी।
पूरा फॉर्म भरने के बाद आपको फॉर्म जमा करना होगा और यात्रा के रजिस्ट्रेशन की फीस जमा करनी होगा। यात्रा के रजिस्ट्रेशन की फीस 250/- रुपये प्रति व्यक्ति होती है। जिसे भरने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जायेगा। यह रजिस्ट्रेशन यात्रा के दौरान बेस कैंप सिंघगढ़ में चेक किया जाएगा।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
यदि आप किसी कारणवश ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं तो आप श्रीखंड कैलाश के बेस कैंप सिंघगढ़ में जाकर अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी, जिसका चार्ज 250/- रुपये प्रति व्यक्ति होता है। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको अपने पास एक वैलिड आई डी प्रूफ रखना होगा।
श्रीखंड कैलाश यात्रा का हेल्थ सर्टिफिकेट कैसे बनवाएं?
श्रीखंड कैलाश यात्रा का रजिस्ट्रेशन करने से पहले आपको अपना हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाना होगा। सबसे पहले आप नीचे दिए गए हेल्थ सर्टिफिकेट को डाउनलोड कर लें और फिर एक स्पेसलिस्ट डॉक्टर से अपना चेकउप करा लें। हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने के बाद आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म में अपलोड कर दें और फिर फॉर्म को सम्मिट कर दें। यदि आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म नहीं भरते हैं और आप ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो आप सिंघगढ़ में अपना तुरंत हेल्थ सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं।
श्रीखंड कैलाश यात्रा का रूट
यह पवित्र यात्रा हिमांचल प्रदेश के कुल्लू जिले के जाओं गांव से शुरू होती है। जाओं गांव तक आप गाड़ी द्वारा पहुंच सकते हैं और फिर वहां से आपको पैदल मार्ग द्वारा सिंघगढ़ पहुंचना होगा। सिंघगढ़, श्रीखंड कैलाश का बेस कैंप है, जहाँ यात्रियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चेक होता है और वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किये जाते हैं। सिंघगढ़ से आपका यह 32 किलोमीटर का कठिन ट्रेक शुरू होता है जो श्रीखंड कैलाश पर जाकर समाप्त होता है। नीचे हम आपको श्रीखंड कैलाश ट्रेक के रूट के बारे में बता रहे हैं…
- ट्रेक रूट:- जाओं गांव – सिंघगढ़ – बरहटी नाला – थाचडू – कुंशा – भीमद्वार – पार्वती बाग – नैन सरोवर झील – श्रीखंड कैलाश
श्रीखंड कैलाश यात्रा कैसे करें?
इस आध्यात्मिक यात्रा को आप सोलो, ग्रुप और किसी पैकेज के जरिये कर सकते हैं। यदि मैं अपने अनुभव से बात करूँ तो आपको ये यात्रा किसी एक बड़े ग्रुप के साथ या फिर किसी टूर कंपनी के पैकेज के द्वारा करनी चाहिए। यह यात्रा लगभग 7 दिनों की होती है जिस दौरान आपको दोनों तरफ से लगभग 68 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी। यह यात्रा सिंघगढ़ या जाओं विलेज से शुरू होगी और वापस दर्शन करके जाओं विलेज में जाकर समाप्त होगी। यदि दो या तीन लोग हो तो आप कोशिश करें आप किसी भी यात्री ग्रुप में शामिल होकर इस यात्रा को पूर्ण करें।
श्रीखंड कैलाश यात्रा कितने दिन की होगी?
यह यात्रा लगभग 7 दिनों की होगी जिसमें आपकी शुरुआत जाओं विलेज से होगी और इस दौरान आपको लगभग 68 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। नीचे हम इस यात्रा के दौरान आपको कहाँ रुकना है और किस प्रकार से यह यात्रा करनी है उसके बारे में नीचे विस्तार से बता रहे हैं…
दिन-01 जाओं विलेज से थाचडू
यात्रा का पहला दिन आपका जाओं विलेज से शुरू होगा। आप यहाँ से अपना ट्रेक सुबह में जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी शुरू कर दें। जाओं विलेज से आपका पहला स्टॉप सिंघगढ़ होगा, जहाँ आप यात्रा का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और यदि आपने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है तो वह चेक होगा। जाओं विलेज से सिंघगढ़ तक की दूरी 3 किलोमीटर है और यह ट्रेक सामान्य है जिसे आप आराम से कर सकते हैं।
सिंघगढ़ से ट्रेक शुरू करने के बाद आज का आपका स्टॉप थाचडू होगा। पहले दिन का अंत आप थाचडू में करेंगे। सिंघगढ़ से थाचडू की दूरी 12 किलोमीटर है जिसे तय करने में आपको कम-से-कम 8 से 9 घंटे का समय लगेगा। सिंघगढ़ से थाचडू तक का रास्ता काफी उतर चढ़ाव वाला है। आपको शुरुआत में एक दम खड़ी चढ़ाई का सामना करना होगा और फिर कुछ प्लेन एरिया है। सिंघगढ़ से थाचडू के बीच में बरहटी नाला नाम की एक जगह पड़ती है, जहाँ आप कुछ समय रुक सकते हैं और कुछ नास्ता या खाना खा सकते हैं।
दिन-02 थाचडू से कुंशा
अगले दिन की शुरुआत आप आराम से कर सकते हैं क्योंकि आज आपको लगभग 7 किलोमीटर का ट्रेक करना होगा। यह ट्रेक आप 4 से 5 घंटे में आराम से पूरा कर लोगे। थाचडू से कुंशा के बीच में दो स्टॉप कालीघाट और भीमतलाई पड़ते हैं, जहाँ आपको कुछ टेंट और खाने के ढाबे दिख जायेंगे।
यदि इन 7 किलोमीटर के सफर की बात की जाए तो थाचडू से कालीघाट तक आपको कुछ ऊंचाई का सामना करना होगा और फिर वहां से भीमतलाई तक नीचे उतरना होगा। भीमतलाई से कुंशा तक का आगे का रास्ता ज़िग-ज़ैग रूप में थोड़ा आसान है। कुंशा कैंप साइट काफी खूबसूरत है और यह 12500 फीट की ऊंचाई पर होने के कारण यहाँ से पूरी वैली का खूबसूरत व्यू दिखाई पड़ता है। आज का स्टे आपका कुंशा में होगा।
दिन-03 कुंशा से भीमद्वार
आज का ट्रेक पूरी ट्रिप का सबसे छोटा ट्रेक होगा। आज आपको कुंशा से भीमद्वार की दूरी तय करनी होगी जो लगभग 3 किलोमीटर की है। इस दूरी को तय करने में आपको मात्र 2 घंटे का समय लगेगा। आज आप अपने कैंप साइट में आराम करें क्योंकि आपको रात 2 बजे से श्रीखंड कैलाश के दर्शन हेतु ट्रेक शुरू करना होगा। आज का स्टे आप भीमद्वार में करें।
दिन-04 भीमद्वार से श्रीखंड कैलाश और वापस भीम द्वार
आज आपका पूरी ट्रिप का सबसे लम्बा ट्रेक होगा। आज का ट्रेक आपका रात 2 बजे से शुरू होगा क्योंकि आपको आज दोनों तरफ से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। भीमद्वार से श्रीखंड कैलाश की दूरी 10 किलोमीटर है, जिस तय करने में आपको कम-से-कम 8 से 10 घंटे का समय लगेगा। ये 10 किलोमीटर इस यात्रा के सबसे कठिन 10 किलोमीटर हैं क्योंकि आपको इस दौरान पहाड़ो के छोटे-छोटे रास्तो के अलावा बर्फ के ग्लेशियर पर चढ़कर जाना होगा।
भीमद्वार से यात्रा शुरू करने पर आपका पहला स्टॉप पार्वती बाग होगा। पार्वती बाग में कुछ टेंट और ढाबे हैं, जहाँ आप कुछ समय रुक सकते हैं। पार्वती बाग के बारे में बताया जाता है की इसे स्वयं माता पार्वती जी ने लगाया था, जहाँ आपको ब्रह्मकमल जैसे फूल देखने को मिल जायेंगे। भीमद्वार से पार्वती बाग की दूरी 3 किलोमीटर है जिसे आप रात के समय में आराम से पूरा करे। पार्वती बाग इस यात्रा की आखरी कैंप साइट होगी।
पार्वती बाग से आगे का रास्ता पूरा बर्फ से ढका हुआ होगा इसलिए आप हो सके तो अपने साथ शूज गियर रखे, जो बर्फ पर ट्रेक करने में सहायता प्रदान करेंगे। पार्वती बाग से कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आप पहुंचेंगे नैन सरोवर झील तक। इस झील में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
नैन सरोवर झील से श्रीखंड कैलाश की दूरी मात्र 3 किलोमीटर रह जाती है। इन 3 किलोमीटर को तय करने के बाद आप पहुंचेंगे “महादेव”, यानि “श्रीखंड कैलाश” के पास। यहाँ कुछ समय आप व्यतीत करें और पूजा अर्चना करें। दर्शन करने के बाद जल्दी ही वापस भीम द्वार के लिए ट्रेक शुरू कर दें। यदि आप ज्यादा लेट हो जाते हैं तो आप पार्वती बाग में रुक सकते हैं।
दिन-05 भीमद्वार से थाचडू
यात्रा के पांचवे दिन आप भीमद्वार से थाचडू के लिए ट्रेक शुरू कर दें। आज आपको लगभग 15 किलोमीटर का ट्रेक करना होगा जिसे तय करने में आपको कम-से-कम 9 से 10 घंटे का समय लगेगा। आप वापसी का ट्रेक आराम से और अपनी चाल के अनुसार तय करें।
दिन-06 थाचडू से जाओं विलेज वापस शिमला
यात्रा के छठे दिन आप थाचडू से जाओं विलेज की ओर वापसी कर दें। यदि आप समय से जाओं विलेज तक पहुंच जाते हैं तो आज के दिन ही वापस शिमला की ओर रवाना हो सकते हैं। बाकि आप अगले दिन जाओं विलेज से शिमला जा सकते हैं और फिर वहां से वापस अपने घर।
दिन-07 जाओं विलेज से शिमला (वापस घर)
ट्रिप के आखरी दिन आप जाओं विलेज से अपने घर की ओर रवाना हो जाएँ।
श्रीखंड कैलाश यात्रा का बजट और पैकेज
इस पूरी यात्रा को कम्पलीट करने में आपको कम-से-कम 10 से 13 हजार रुपये की आवश्यकता होगी। इसके अलावा यदि आप किसी टूर कंपनी से पैकेज लेते हैं तो वो आपको 9 से 15 हजार रुपये के बीच में मिल जायेगा। यदि आप पहली बार कोई ट्रेक कर रहे हैं तो मेरे अनुभव और रिसर्च के अनुसार आपको इस यात्रा को पैकेज की सहायता से करना चाहिए।
श्रीखंड कैलाश कैसे पहुंचे?
यह पवित्र यात्रा करने के लिए आपको सबसे पहले जाओं विलेज पहुंचना होगा। जो हिमांचल के शिमला शहर से 154 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नीचे हम विस्तार से सड़कमार्ग, रेलमार्ग और हवाईमार्ग द्वारा श्रीखंड कैलाश पहुंचने के साधन के बारे में बता रहे हैं…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुचें?
श्रीखंड कैलाश यात्रा का बेस कैंप सिंघगढ़ है। आप किसी भी शहर से हों आपको सबसे पहले शिमला पहुंचना होगा। शिमला से आपको प्राइवेट टैक्सी और बसे जाओं विलेज के लिए मिल जाएँगी और फिर वहां से आप 3 किलोमीटर का ट्रेक करके सिंघगढ़ तक पहुंच जायेंगे। यदि आप दिल्ली या इसके आसपास के शहर से हैं तो आप दिल्ली कश्मीरी गेट ISBT से सीधे रामपुर बुशर के लिए बस ले सकते हैं। रामपुर बुशर से आप बस और टैक्सी की सहायता से जाओं विलेज तक पहुंच जाओगे। रामपुर बुशर से जाओं विलेज की दूरी मात्र 38 किलोमीटर है।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप ट्रेन द्वारा यहाँ आना चाहते हैं तो आप शिमला या चंडीगढ़ तक ट्रेन द्वारा पहुंच सकते हैं। इसके बाद आपको सड़कमार्ग द्वारा टैक्सी या बस की सहायता से जाओं विलेज पहुंचना होगा।
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप फ्लाइट द्वारा आना चाहते हैं तो आप चंडीगढ़ या शिमला के लिए फ्लाइट ले सकते हो। यही दोनों एयरपोर्ट जाओं विलेज के सबसे निकटतम एयरपोर्ट हैं। यहाँ से जाओं विलेज की बाकि की दूरी आपको सड़कमार्ग द्वारा टैक्सी या बस द्वारा तय करनी होगी।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- यदि आपने यात्रा का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कराया है तो उसका प्रिंट आउट और एक pdf फाइल अपने पास जरूर रखें।
- यह काफी कठिन ट्रेक है इसलिए आप अपने साथ पर्याप्त पानी रखें और हाइड्रेट होते रहें।
- इस यात्रा को किसी ग्रुप के साथ ही करें। यदि आप सोलो इस यात्रा को कर रहे हैं तो आप वहां आये किसी भी ग्रुप में शामिल हों जाए और फिर उनके साथ इस यात्रा को करें।
- यदि आपके पास स्नो शूज गियर हैं तो इस यात्रा के लिए अपने साथ रखे क्योंकि यात्रा के दौरान बहुत बार आपको स्नो ग्लेशियर पर चलना होगा।
- आप अपने साथ एक ट्रेकिंग स्टिक जरूर रखें जो ट्रेक करने में आपकी सहायता करेगी।