हम आज जब अपनी शहर की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में इतना उलझ गए हैं। तो कुछ टाइम के लिए हम ब्रेक लेने की सोचते हैं और बस इस ज़िन्दगी से कुछ दूर जाने की सोचते हैं। हम जिस सुकून की तलाश में भटकते हैं न वो अक्सर हमे सिर्फ इन पहाड़ो में मिलता है।
जहाँ बस सुकून होता है और होते हैं बस हम। ऐसे ही एक जगह के बारे में हम आज इस ब्लॉग के माध्यम से बात करेंगे। जो है “अली बेदनी बुग्याल ट्रेक”, जहाँ आपको चारो ओर हरियाली और आँखों को ठंडक और सुकून देने वाली खूबसूरती देखने को मिलती है।
विषय सूची
ये अली बेदनी बुग्याल कहाँ है?
हम जब भी किसी जगह जाना चाहते हैं तो सबसे पहले यही देखते हैं की वो जगह है कहाँ। तो अगर हम अली बेदनी बुग्याल की बात करे तो ये हमे भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली ज़िले में 3354 मीटर (लगभग 11004 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है। असल में अली बेदनी बुग्याल दो जगह हैं, जहाँ अली बुग्याल अलग और बेदनी बुग्याल अलग, लेकिन हम बोलते पूरा ही हैं, “अली बेदनी बुग्याल”। जहाँ चारो ओर बस हिमालयी अल्पाइन घास के मैदान दिखाई पड़ते हैं, जो आपको एक दम अपनी खूबसूरती में समेट लेते हैं।
ये बुग्याल है क्या?
अब आप ये सोचते होंगे की आखिर ये अली बेदनी बुग्याल है क्या? सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण की आखिर ये बुग्याल क्या होते हैं, और किसे बुग्याल कहते हैं। तो आप इन्हे सीधे शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं की जब हिमशिखरों की तलहटी में टिम्बर रेखा “यानी पेड़ो की पंक्तिया” समाप्त होती हैं और वहां से हरे घास के मैदान शुरू होते हैं।
इन हरे घास के मैदानों को उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में बुग्याल कहा जाता है। ये हरे मखमली घास के मैदान लगभग 8-10 हजार फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं।
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अली बेदनी बुग्याल ट्रेक कितना लम्बा व कितना कठिन है?
हमने ये तो जान लिए की अली बेदनी बुग्याल ट्रेक है कहाँ पर अब बात आती है की ये ट्रेक रियल में कितना लम्बा है, और हमे इस ट्रेक पर क्या क्या कठनाई हो सकती है। तो ये ट्रेक देखा जाये तो लगभग 35 किलोमीटर का है। जिसमे आप ट्रेक को कुछ टुकड़ो में कम्पलीट करोगे। जिसमें आपका ट्रेक लोहाजंग से शुरू होगा और बेदनी बुग्याल पर जाकर ख़त्म होगा या आप इससे आगे रूपकुंड तक भी जा सकते हैं।
जितनी इस ट्रेक की लम्बाई है उसमे कुछ जगहों पर आपको ट्रैकिंग करने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है, पर ये ट्रेक जिसने आज तक कोई भी ट्रेक न किया हो उसके लिए ये पहला ट्रेक हो सकता है। आप जब इस ट्रेक पर जायेंगे तो दीदना से जब अली बुग्याल के लिए जाते हैं तो दीदना से अली के लिए एक शार्टकट है। आप उस शॉर्टकट को बिलकुल भी न ले, और अगर आपका ये पहला ट्रेक हो तब तो बिलकुल भी न ले। वैसे देखा जाए तो ये ट्रेक मध्यम-सामान्य कठनाई से भरा हुआ है।
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक को कैसे करें?
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक को कम्पलीट करने के दो रास्ते हैं। जिसमे एक रास्ता तो ये है की आप ही इस ट्रेक को कम्पलीट करें। जिसमे आपको वहां की सारी चीजे पता होनी चाहिए, आपको इसके लिए देखा जाये तो बहुत मेहनत करनी होगी और मेरे हिसाब से आपका खर्चा भी बहुत अधिक हो सकता है, क्यूंकि अगर आप इस ट्रेक को खुद अकेले कम्पलीट करना चाहोगे तो आपको बहुत सा सामना ले जाना होगा, पर हां आप इस ट्रेक को अकेले भी कर सकते हो।
दिक्कत की बात करे तो ये हो सकती है की आपको यहाँ तक सामान ले जाने में और वहां रुकने में और इन सभी चीजों को मैनेज करने में थोड़ी प्रॉब्लम हो सकती है। जिससे आप ट्रेक का वो मज़ा नहीं उठा सकते हैं, जो असल में वहां उठाना चाहिए।
अगर आप अकेले ही इस ट्रेक को करना चाहते हैं तो आप लोहाजंग में वन विभाग द्वारा अनुमति जरूर लेले। अनुमति के लिए आप अपने साथ निम्न चीजे रखे :
- एक फोटो आईडी
- अपना मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र
- दो फोटो पासपोर्ट साइज
जब आप अकेले ट्रेक पर जाते हैं तो अपने साथ कैंप का सारा सामान, स्लीपिंग बैग, खाने का सारा सामान, बर्तन ले जाना आवश्यक है। आप इन सभी चीजों को मैनेज करने और रास्ते के मार्गदर्शन के लिए लोहाजंग से किसी व्यक्ति को ले जा सकते हैं। बस उस व्यक्ति से पैसो की बात कर ले।
एक रास्ता तो खुद के द्वारा हो गया की आप इस ट्रेक को खुद करे और दूसरा रास्ता ये है की आप इस ट्रेक को किसी ट्रैकिंग कंपनी द्वारा मैनेज कराये। अगर आप पहली बार कोई ट्रेक कर रहें हैं तो मेरा तो ये मानना होगा की आप उस ट्रेक को किसी ट्रैकिंग कंपनी द्वारा ही कम्पलीट करे। आप जब ट्रैकिंग कंपनी के प्लान देखे तो जब आप पुरे संतुष्ठ हो जाये तभी प्लान को एक्टिवटे कराये।
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक के दौरान आप कहाँ रुक सकते हैं?
ये तो अपने जान लिया की आप अली बेदनी बुग्याल ट्रेक को कैसे कर सकते हैं। अब सबसे जरुरी बात यह आती है की जब आप इस ट्रेक को करेंगे तो रुकेंगे कहाँ। अगर आप किसी ट्रैकिंग कंपनी द्वारा आते हैं तब तो आपको कोई प्रॉब्लम है ही नहीं क्यूंकि अब ये सारी जिम्मेदारी उनकी होगी। आपको कुछ करने की जरुरत नहीं है। जब वो आपके साथ जायेंगे तो वो अपने साथ कैंप का भी सारा सामान लेकर जातें हैं और जगह-जगह पर आपके लिए तुरन्त टेंट लगाया जाता है और उसी में आपको लेटना होता है।
अगर आप खुद ही अकेले ट्रैकिंग करना चाहते है तो आप लोहाजंग में जिस भी होटल या लॉज़ में रुके वहां के मैनेजर या मालिक से बात कर के वो सारी जानकारी और रुकने की व्यवस्था करा देंगे। आप इस ट्रेक में दीदना गांव में, और जो ट्रेक के बीच-बीच में पड़ने वाले गांव में रुक सकते हैं। ट्रेक के दौरान आप अपने साथ जो कैंप लेकर जातें हैं उन्ही कैंप को सही जगह देखकर लगाए और उन्ही में रुके।
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक के दौरान खाना की क्या व्यवस्था होगी?
जब हम किसी भी ट्रेक पर जाते हैं तो हमारे सामने दो सबसे बड़ी चीज होती हैं। पहली ये की हम इस ट्रेक के दौरान रुक कहाँ सकते हैं और दूसरी होती है खाने की। पहली बात का तो उत्तर मैं आपको दे चूका हूँ की आप कहाँ रुक सकते हैं। अब दूसरी बात आती है खाने की, तो अगर आप ट्रैकिंग कंपनी द्वारा आ रहे हैं तो वो सारी चीजे खुद ही मैनेज करते हैं।
जब आप उनके साथ जाओगे तो वो खाने का सारा सामान लेकर जाते हैं। उनके नियम के अनुसार आपको खाना दिया जाता है। ज्यादातर खाने में मैग्गी और पराठे मिलते हैं बाकी का आपको वहां ट्रैकिंग में जो भी सब्जी ले जाई जाती है उनके कंपनी द्वारा वही प्रोवाइड कराई जाती है।
अगर आप खुद इस ट्रैकिंग ट्रिप को मैनेज कर रहे हैं तो आपको ये जानना जरुरी है की आपको ट्रैकिंग के दौरान ज्यादा खाने की दुकाने नहीं मिलेंगी तो ऐसे में जिस भी गांव में आपको कोई छोटा सा ढाबा या दूकान दिखे तो वहां से खाना खाये और हाँ एक और जरुरी बात की आप खाना खाने के साथ साथ वहां से कुछ खाना अपने लिए पैक जरूर करा ले ये आपके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होगा। बाकी आप जब ट्रैकिंग पर अकेले जायेंगे तो आप वहां तक घोड़ो और खच्चरों द्वारा सामान लेकर जाए और फिर आपने खाने के सामान अनुसार ही खाना पकाये और खाये।
ट्रेक के दौरान शौचालय और पानी?
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक के दौरान आपको कुछ गांव में शौचालय की सुविधा मिल जाती है। बाकि कैंपिंग के दौरान आपके ट्रैकिंग कंपनी के लोगो के द्वारा कुछ अस्थायी शौचालय की व्यवस्था की जाती है और आपको वहां उनके द्वारा बताये गयी बातों के माधयम से ही मैनेज करना होता है।
बाकी रही बात पानी की तो आप जिस ट्रेक पर जा रहे हैं वो पहाड़ो से घिरा हुआ है वहां पानी के जल स्रोत की कोई कमी नहीं है और आपको नदियों और पहाड़ो से रिस कर आ रहे पानी का ही उपयोग करना होता है।
क्या अली बेदनी में ATM है?
आप जब अली बेदनी बुग्याल ट्रेक पर जायेंगे तो आपको एटीएम मिलना मुश्किल है। सिर्फ इसी ट्रेक पर नहीं आप जब भी किसी ट्रेक पर जाते हैं तो एटीएम का मिलना मुश्किल है। एटीएम मशीन सिर्फ आपको मुख्य शहरो और कुछ कस्बो में ही मिलेंगे। तो आपके लिए यही सही रहेगा की आप ज्यादा से ज्यादा यही कोशिश करे की आप कैश ही अपने साथ रखें और मुख्य शहरों में जहाँ पर भी एटीएम या बैंक दिखे वहां से कैश निकाल ले।
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक पर मोबाइल नेटवर्क और लाइट?
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक के दौरान सिर्फ लोहाजंग में आपको सही तरीके से अधिकांश मोबाइल सिग्नल मिल जायेंगे। जैसे जैसे आप ट्रेक पर चलना शुरू करेंगे फिर आपको कहीं-कहीं पर ही मोबाइल सिंग्नल मिलेंगे। तो आप अपनी जरुरी कॉल्स को लोहाजंग में ही कर ले। अब बात आती है की यहाँ लाइट कहाँ तक मिल सकती है, तो लोहाजंग आखरी चार्जिंग पॉइंट होगा मोबाइल चार्जिंग के लिए। यहाँ पर भी लाइट कुछ कम ही आती है तो अपने साथ पावर बैंक जरूर रखे।
कितने से कितने आयु के लोग अली बेदनी बुग्याल ट्रेक पर जा सकते हैं?
हमने लगभग इस अली बेदनी बुग्याल ट्रेक से सम्बंधित सभी बातों को जान लिया है। अब बारी है की इस ट्रेक पर कितने आयु तक के लोग जा सकते हैं। देखा जाये तो इस ट्रेक पर 12 से 55 साल तक के लोग जा सकते हैं। लेकिन देखा जाए तो ये तो सिर्फ नंबर है ये तो आप पर निर्भर करता है की आप कितने फिट हैं। इस ट्रेक के लिए आपका फिट होना बहुत ही आवश्यक है। वैसे ये ट्रेक इतना कठिन नहीं है तो आप इसे बहुत अच्छे तरीके से कर सकते हैं।
ट्रैकिंग कम्पनीज के पिकउप पॉइंट
जब आप ट्रैकिंग कंपनी द्वारा ट्रेक के लिए जाते हैं तो अधिकतर ट्रैकिंग कम्पनीज का पिकउप पॉइंट ऋषिकेश होता है। इसके अलावा कुछ कम्पनीज देहरादून और कोटद्वार से भी आपको पिकउप कर सकती हैं, लेकिन ज्यादातर तो ऋषिकेश से ही आपको पिकउप करती हैं। आप ऋषिकेश ट्रेन, और सड़कमार्ग द्वारा भी पहुंच सकते हैं। जो भी पिकउप पॉइंट होगा वहां आपको पहुंचना होगा।
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक कितने दिनों का होगा और किस किस जगह आप ट्रेक घूमेंगे?
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक लगभग 5-6 दिन का होता है। बाकि अगर आप खुद इस ट्रेक को मैनेज कर रहे हो तो ये आपके ऊपर निर्भर करता है की आप कितने दिनों तक वहां रुकना चाहते हो। यदि आप किसी ट्रैकिंग कंपनी द्वारा पैकेज के जरिये जा रहें है तो उनके द्वारा ज्यादातर ट्रेक पांच से छः दिन का ही होता है। इस ट्रेक में आपकी निम्न जगह के अनुसार इन दिनों में घुमाया जाता है, जो की मैं नीचे बता रहा हूँ
दिन- 01 (पिकउप पॉइंट से लोहाजंग)
आप जब पैकेज द्वारा अली बेदनी बुग्याल ट्रेक पर जायेंगे तो ट्रेकिंग कंपनी एक पिकउप पॉइंट से आपको पिकउप करेगी, जो की कुछ भी हो सकता है। ज्यादातर कम्पनीज ट्रेकर्स को ऋषिकेश से पिकउप करती हैं।
ऋषिकेश से आपको सबसे पहले बेस कैंप ले जाया जाता है जो की लोहाजंग होता है। ऋषिकेश से लोहाजंग की दूरी लगभग 256 किलोमीटर की है, जो की कम्पलीट करने में आपको लगभग 8 से 10 घंटे लगते हैं। ऋषिकेश से आपको लगभग 5 से 6 बजे पिकउप किया जाता है और लोहाजंग बेस कैंप पर आपको छोड़ा जाता है।
दिन- 02 (लोहाजंग से दीदना)
ऋषिकेश से जब आप लोहाजंग पहुँचते हैं तो एक रात वहां बेस कैंप में रुकते हैं। इसके बाद दूसरे दिन आपका लोहाजंग बेस कैंप से दीदना के लिए ट्रेक शुरू होता है। दूसरे दिन आपको लगभग 10 किलोमीटर का ट्रेक कम्पलीट करना होता है। जिसको कम्पलीट करने में आपको लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगता है।
इस 10 किलोमीटर के ट्रेक में आप सुन्दर जंगल और कच्चे रास्तो से होकर जाओगे। जहाँ कभी कभी समतल ट्रेक तो कभी एक दम से खड़ी चढाई आ जाती है पर ये 10 किलोमीटर का ट्रेक बहुत ही सुन्दर है और आप इसे कर सकते हैं। दूसरे दिन की रात आप दीदना में ही आकाश में दिख रहे सुन्दर तारों के बीच गुजारते हैं।
दिन- 03 (दीदना से खोबल ताल और अली बुग्याल)
तीसरे दिन की सुबह आपकी दीदना में होती है। दीदना से आपकी नेक्स्ट कैंप साइट होती है लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर जो की लगभग 8100 फीट से 11350 फीट पर जाकर रूकती है। इस ट्रेक को कम्पलीट करने में आपको लगभग 7-8 घंटे लग सकते हैं।दीदना से निकलने के बाद आप कुछ ORS के पैकेट जरूर साथ रखे। ये ट्रेक कुछ कुछ जगह पर थोड़ा कठिन हो जाता है जहाँ ट्रेक करने में आपको थोड़ी कठनाई हो सकती है।
ये ट्रेक बहुत ही ज्यादा सुन्दर और आकर्षक है, यहाँ चारो ओर हिमालय के सुन्दर पहाड़ और चलती हुई ठंडी हवा का एक अलग ही एहसास होता है। ट्रेक के अंतिम पड़ाव पर आपका जोरदार तरीके से स्वागत चारो ओर फैले घास के मैदान करते हैं, और उनकी कभी न ख़त्म होने वाली सुंदरता जिसमे आप मोहित होकर रहे जाते हो। तीसरे दिन की शाम आपकी इन्ही खूबसूरत बुग्याल के बीच में और पहाड़ो से आती हुई ठंडी ठंडी हवाओ के साथ ही गुजरेगी।
दिन- 04 (खोबल ताल से घेरोली पाताल)
खोबल ताल में आपकी आज की सुबह होगी जहाँ आप अपना सुबह का नास्ता करेंगे इसके बाद वहां अली बुग्याल को अलबिदा करके आप चल दोगे नयी मंज़िल की ओर जो खोबल ताल से 3 किलोमीटर की दूरी पर बेदनी बुग्याल पर जाकर रुकेगी। जहाँ आप देखोगे चारो ओर फैले बहुत ही सुन्दर घास के मैदान जिनके चारो ओर बैकग्राउंड में हिमालय की चोटिया जो बहुत ही सुन्दर लगती हैं।
यहाँ गर्मियों के सीजन में चारो ओर फूल खिले रहते हैं, जो की इस बुग्याल की खूबसूरती को और भी ज्यादा बड़ा देते हैं। यहाँ जितना सुन्दर बेदनी बुग्याल है उतना ही सुन्दर और आकर्षक बेदनी कुंड है। इस कुंड में पड़ने वाली हिमालय की चोटियों की परछाई बहुत ही ज्यादा सुन्दर और आकर्षक लगती है।
यहाँ बहुत ही सुन्दर दोपहर बिताने के बाद आप चल देंगे यहाँ से 1 किलोमीटर दूर डोलिया धार की ओर जिसका रास्ता फ़्लोरा और फौना के पेड़ पौधों के बीच से होकर जाता है। यहाँ से आपका नेक्स्ट पॉइंट घेरोली पाताल होगा। जिसका रास्ता जंगल से होकर जाता है जो लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। आज की रात आपकी यहाँ घेरोली पाताल में टेंट में व्यतीत होगी। ये चौथे दिन का ट्रेक लगभग 7 किलोमीटर का है जो की पूरा ट्रेक बहुत ही सुन्दर है।
दिन -5 (घेरोली पाताल से लोहाजंग)
आज आपका पांचवा दिन होगा जो की इस ट्रेक से वापसी का दिन होगा। आप यहाँ से सुबह में 3 किलोमीटर का ट्रेक करके नील गंगा पहुंचेंगे। यहाँ से ट्रेक करके आप लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर रांका धार और यहाँ से आप रोड ट्रेक करते हुये 3 किलोमीटर की दूरी पर वान गांव पहुंचेंगे। यहाँ पर आपका ट्रेक जाकर ख़त्म होगा इससे आगे आप गाड़ी द्वारा लोहाजंग पहुंचेंगे। लोहाजंग में ये आपकी ट्रिप की आखरी रात होगी।
दिन -6 (लोहाजंग से पिकउप पॉइंट)
लोहाजंग में आपकी ये आखरी सुबह होगी। यहाँ आप पहाड़ो के साथ आखरी नास्ता करोगे। नास्ता करने के बाद आपको गाड़ी द्वारा आपके पिकउप पॉइंट तक पंहुचा दिया जाता है। यहाँ से आप अपने सुन्दर से घर की ओर निकल पड़ते हैं।
तो कुछ इस प्रकार का होता है आपका ये अली बेदनी बुग्याल ट्रेक। जो मेरे हिसाब से बहुत ही सुन्दर और आकर्षक होता है, जो आपकी सारी थकान को गायब और आपको एक नयी ऊर्जा देने का काम करता है। इसलिए मेरे हिसाब से आप अपनी ज़िंदगी में ऐसे ट्रेक्स को जरूर करे। जिससे आप अपनी ज़िन्दगी से खुल कर मिल सके।
हमे ट्रैकिंग कंपनी द्वारा ट्रेकिंग करने से क्या फायदे हैं?
अगर हम इस बारे में बात करें की अगर हम ट्रैकिंग कंपनी द्वारा ट्रेक करते हैं तो उससे हमे क्या फायदे हो सकते हैं। तो मैं आपको बता दूँ इससे आपको बहुत से फायदे हैं। अगर आप इस या किसी और ट्रेक पर पहली बार जा रहे तो आपको इतना अनुभव नहीं होता है की वहां कौन कौन सी चीजे ले जानी चाहिए और कैसे सभी चीजों को मैनेज करना होता है।
वहां के रास्ते और वहां किस प्रकार से कैंपिंग या ट्रेकिंग करनी है। इन सभी चीजों का इतना नहीं पता होता है, इसलिए इन सभी चीजों को मैनेज करने के लिए हमे ट्रेकिंग कंपनी से बात करनी चाहिए और वो सारी ट्रिप की जिम्मेदारी उठाते हैं और आप बेफिक्र होकर उस जगह का मज़ा उठा सकते हैं।
जब आप किसी भी ट्रेक पर जाते हैं तो आप चाहते हैं की आप उस जगह का खुलकर मज़ा उठा सके। अगर आप पर ट्रेकिंग के दौरान कई सारी जिम्मेदारी हों तो आप खुलकर उस जगह का मज़ा नहीं उठा पाते हैं। ट्रैकिंग कंपनी वो सारी जिम्मेदारी उठाती है जो आवश्यक और कठनाई से भरी हुई हों।
जब आप किसी भी ट्रेकिंग कंपनी से संपर्क करते हैं तो वो आपको उनका सारा प्लान बताते हैं की किस जगह से वो आपको पिकउप करेंगे और किस जगह आपको छोड़ेंगे। आप जिस ट्रेक पर जा रहें उस जगह के बारे में सारी जानकारी देतें हैं, उनकी वेब साइट्स पर आपको सारी जानकारी मिल जाएगी आपको ट्रैकिंग के दौरान कौन-कौन सी चीजे लेकर जानी हैं और किस मौसम में कौन से कपड़े लेकर जाना चाहिए। आपको ट्रेकिंग से सम्बंधित जितनी भी जानकारी होती है वो सब आपको प्रोवाइड करातें हैं। इनकी सहायता से आप कम बजट में सुरक्षित ट्रिप कर सकते हैं।
अली बेदनी बुग्याल ट्रेक के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- अली बेदनी बुग्याल ट्रेक जाने से पहले आप पूरी तरह से फिट रहें। इस ट्रेक से पहले अपना मेडिकल चेकउप जरूर करा ले।
- जैसे में ऊपर बता चूका हूँ की यहाँ नेटवर्क प्रॉब्लम है, तो आप लोहाजंग में ही अपनी आवश्यक कॉल्स कर ले।
- आप जब कोई ट्रेक करते हैं तो कुछ आवश्यक गियर्स की जरुरत होती है। अगर आप इन्हे खरीदना चाहते हैं तो खरीद भी सकते हैं और लोहाजंग में सारे गियर्स किराये पर भी मिलते हैं।
- इस ट्रेक के दौरान अपने साथ कुछ नियमित दवाई जरूर रखे। एक पानी की बोतल और कुछ ORS के पैकेट रखे और ट्रेक के दौरान कुछ नियमित अंतराल के बाद इन्हे पीते रहें।
- आप जब भी किसी ट्रेक पर जातें है तो वहां एन्जॉय के पर्पस से जाते हैं तो वहां अपनी चाल मतलब आपकी जो गति है उस तरीके से चले न की दूसरो को देख कर की वो कितनी तेज़ चल रहें हैं, तभी आप उस जगह का सही तरीके से मज़ा उठा पाएं
Thankyou so much for providing me knowledge about Ali Bedni Bugyal Trek
❤️
Providing me good knowledge 🌸so thank you so much 🙂