झारखण्ड में स्थित भगवान शिव का बैद्यनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर हज़ारो वर्ष पुराना है, जिसे रामायण के समय का बताया जाता है। इस ब्लॉग में हम बैद्यनाथ मंदिर की यात्रा और दर्शन करने से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। यह मंदिर कहाँ स्थित है? बैद्यनाथ मंदिर की कहानी? मंदिर में दर्शन करने का समय? और यहाँ आने के लिए कितना बजट होना चाहिए आदि। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े…
विषय सूची
शार्ट जानकारी
जगह | बैद्यनाथ मंदिर |
पता | देवघर झारखण्ड |
प्रसिद्ध होने का कारण | भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण |
मंदिर में दर्शन करने का समय | सुबह 4 बजे से 3:30 बजे तक और शाम 6 बजे से 10 बजे तक |
मंदिर आने का सबसे अच्छा समय | सावन के महीने में |
निकटम रेलवे स्टेशन | जसीडीह, देवघर और बैद्यनाथ रेलवे स्टेशन |
निकटम एयरपोर्ट | बैद्यनाथ एयरपोर्ट |
बैद्यनाथ धाम मंदिर कहाँ पर है?
बैद्यनाथ मंदिर भारत के झारखण्ड राज्ये के देवघर में स्थित है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ भगवान शिव बैद्यनाथ के रूप में विराजमान हैं जिस कारण इस मंदिर को बैद्यनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर जसीडीह रेलवे स्टेशन से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर और देवघर बस अड्डे से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बैद्यनाथ मंदिर की कहानी
बैद्यनाथ मंदिर के पीछे कई हज़ारो वर्ष पुरानी कहानी बताई जाती है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग के बारे में बताया जाता है की लंका पति रावण के द्वारा यहाँ शिवलिंग की स्थापना हुयी थी। एक बार उसने हिमालये पर बहुत कड़ी तपस्या की और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए वह अपने सर काट कर भगवान शिव को अर्पित करने लगा। एक-एक करके रावण ने अपने नौ सर को काट दिया जब वह अपना आखरी सर काटने चला तब भगवान शिव ने रावण को दर्शन दिए।
रावण भगवान शिव से वरदान के रूप में उनकी शिवलिंग को लंका में स्थापित करने की अनुमति मांगता है। भगवान शिव उसे आशीर्वाद देते हैं तो कहते हैं ठीक है, लेकिन हिमालये से लंका तक के रास्ते में तुम कही भी शिवलिंग को पृथ्वी पर मत रखना। यदि ऐसा हुआ तो मैं वहीं विराजमान हो जाऊंगा। रावण शिवलिंग को लेकर लंका की ओर चल देता है लेकिन रास्ते में उसे लघुशंका लगती है और वह पास के चरवाह को शिवलिंग को देकर लघुशंका करने चला जाता है। जब रावण वापस आकर देखता है तो वह शिवलिंग को पृथ्वी पर रखा पाता है।
रावण बहुत कोशिश करता है लेकिन शिवलिंग को उठा नहीं पाता है। जिससे रावण शिवलिंग को वहीं छोड़ कर लंका की ओर वापस चला जाता है। कुछ समय बाद एक चरवाह को शिवलिंग मिलती हैं जिसके बाद यहाँ मंदिर का निर्माण कराया जाता है। मंदिर के निर्माण के बारे में बताया जाता है की इसे नागवंशी राजवंश के पूर्वज पूरनमल ने 8 वीं शताब्दी में कराया था। वर्तमान मंदिर की संरचना का श्रेय राजा मान सिंह को दिया जाता है जिसे 16 वीं शताब्दी में बनवाया था।
बैद्यनाथ मंदिर में दर्शन करने का समय
बैद्यनाथ मंदिर सुबह 4 बजे से भक्तो के लिए खोल दिया जाता है और मंदिर शाम 10 बजे तक खुला रहता है। इस समय के बीच में मंदिर में कई अलग-अलग आरतियां और श्रृंगार किया जाता है। इस दौरान आप आरतियों में शामिल हो सकते हैं। दोपहर के समय 3:30 बजे से शाम 6 बजे तक मंदिर के कपाट बंद किये जाते हैं। मंदिर के प्रागण में तो आप सुबह 4 बजे से 10 बजे तक कभी भी जा सकते हैं लेकिन मंदिर के गर्भ गृह का रास्ता बहार से होकर जाता है जो दोपहर में बंद रहता है।
मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने में आपको कितना समय लगेगा वो इस बात पर निर्भर करता है की आप किस समय पर यहाँ आ रहे हो। यदि आप बैद्यनाथ धाम मंदिर सावन के समय में आ रहे हो तो इस समय में यहाँ भक्तो की बहुत भीड़ रहती है। जिस वजह से दर्शन करने में आपको कम से कम 1 घंटा लग सकता है और सावन के सोमवार में तो यहाँ भक्तो की कई किलोमीटर लम्बी-लम्बी लाइन लगती हैं।
यदि आप इन लम्बी लाइनों से बचना चाहते हो तो आप 600 रुपये की VIP टिकट ले सकते हैं। इससे आप सीधे गर्भ गृह में कुछ मिनटो में ही दर्शन कर सकते हैं।
बैद्यनाथ धाम प्रांगण में स्थित मंदिर
धाम के प्रांगण में भगवान शिव के मंदिर के साथ ही और भी देवी देवताओ के मंदिर स्थापित हैं। जिनमें तारा देवी मंदिर, गणेश मंदिर, काली माता मंदिर, काल भैरव मंदिर और हनुमान मंदिर आदि मंदिर स्थित हैं। मंदिर में और भी बहुत से छोटे-छोटे मंदिर स्थित हैं जहाँ लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं।
बैद्यनाथ में होटल और खाना
बैद्यनाथ में रुकने के लिए आपको मंदिर के पास में बहुत से होटल मिल जायेंगे। इसके साथ ही यहाँ पर बहुत सी धर्मशालाए भी स्थित हैं। जिनका किराया 400 से 500 रुपये प्रति व्यक्ति होता है। यदि आप अपने परिवार के साथ यहाँ पर आये हैं तो मंदिर से लगभग 4 से 5 किलोमीटर की दूरी पर आप रूम ले। जिससे आपको कम भीड़ भाड़ देखने को मिलेगी। यदि बैद्यनाथ में खाने की बात करे तो यहाँ पर आपको हर प्रकार का खाना मिल जायेगा। यहाँ के लोकल फ़ूड में आपको सब्जी कचोरी मिल जाएगी। जिसे आप ट्राय कर सकते हैं।
बैद्यनाथ आने का सबसे अच्छा समय
वैसे तो आप कभी भी देवघर स्थित बैद्यनाथ के दर्शन कर सकते हैं। सबसे ज्यादा श्रद्धालु यहाँ सावन के महीने आना पसंद करते हैं और इस महीने में यहाँ पर बहुत से धार्मिक कार्यक्रम किये जाते हैं। सावन में यहाँ पर मेले लगता है तो यहाँ आने के लिए यह समय सबसे बढ़िया होता है। आप यहाँ पर शिवरात्रि के समय भी आ सकते हैं। यदि महीने की बात करे तो आप यहाँ पर ठंडो के समय यानि अक्टूबर से फ़रवरी के बीच आये क्यूंकि गर्मियों के महीने में यहाँ पर बहुत अधिक गर्मी पड़ती है।
बैद्यनाथ धाम मंदिर तक कैसे पहुंचे?
बैद्यनाथ मंदिर भारत के झारखण्ड राज्य के देवघर में स्थित है। इस धाम तक पहुंचने का सबसे सरल और आसान तरीका है की आप ट्रेन द्वारा यहाँ तक का सफर करे। आप किस-किस तरह से और कौन से रूट द्वारा यहाँ तक पहुंच सकते हैं ये सभी जानकारियों को आप नीचे पढ़ सकते हैं…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप सड़कमार्ग द्वारा बैद्यनाथ मंदिर तक पहुंचना चाहते हैं तो आप अपने शहर से देवघर के लिए बसों के बारे में पता कर ले। यदि आप झारखण्ड के अलावा किसी और शहर से आते हैं तो आप ट्रेन द्वारा यहाँ तक पहुंचे। रेलवे स्टेशन से मंदिर के लिए आपके लिए ऑटो मिल जायेंगे। जिनका किराया 20 से 30 रुपये प्रति व्यक्ति होता है।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
बैद्यनाथ मंदिर तक पहुंचने का सबसे आसान तरीका ट्रेन द्वारा है। बैद्यनाथ मंदिर के पास में तीन रेलवे स्टेशन स्थित हैं, जिसमे सबसे प्रमुख स्टेशन जसीडीह रेलवे स्टेशन है। यदि आप उत्तर प्रदेश के किसी शहर से आ रहे हैं तो आपको लखनऊ और आगरा जैसे शहरों से जसीडीह के लिए ट्रेन सप्ताह में दिनों के अनुसार मिल जायेंगी।
जसीडीह के अलावा दो और रेलवे स्टेशन स्थित हैं जिसमें एक देवघर रेलवे स्टेशन है और दूसरा बैद्यनाथ रेलवे स्टेशन है। आप इन दो रेलवे स्टेशनो का भी प्रयोग कर सकते हैं। बैद्यनाथ मंदिर जसीडीह रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर है और देवघर रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जबकि बैद्यनाथ रेलवे स्टेशन बिलकुल मंदिर के पास स्थित है।
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
देवघर में एयरपोर्ट भी स्थित है तो यदि आप बाबा के धाम तक फ्लाइट द्वारा आना चाहते हैं तो फ्लाइट द्वारा भी आ सकते हैं। देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम एयरपोर्ट स्थित है। यहाँ के लिए देश के कुछ बड़े शहरों जैसे दिल्ली, रांची, बैंगलोर, हैदराबाद और कोलकाता से सीधे फ्लाइट मिल जायेंगी।
बैद्यनाथ धाम के आस पास के कुछ दर्शनीय स्थल
बैद्यनाथ धाम में बाबा बैजनाथ के दर्शन करने के बाद आप मंदिर के आस पास स्थित कुछ और खूबसूरत जगहों पर घूमने के लिए जा सकते हैं। यदि आप अपनी गाड़ी द्वारा यहाँ दर्शन करने आये हैं तब तो आपको यहाँ पर घूमने में कोई भी दिक्कत नहीं होगी और यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सहायता से आये हैं तो आप ऑटो को पूरे दिन के लिए किराये पर लेले जो की आपको लगभग 1000 रुपये में मिल जायेंगे। जिससे आप बैद्यनाथ मंदिर के आस पास की कुछ प्रसिद्ध और खूबसूरत जगहों पर आराम से घूम सकते हैं। तो आईये जानते हैं बैद्यनाथ धाम के आस पास स्थित कुछ दर्शनीय स्थल…
तपोवन
बैद्यनाथ धाम से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तपोवन एक बहुत ही खूबसूरत धार्मिक स्थान है। यह स्थान चारो ओर से पत्थरो से घिरा हुआ है और इसके चारो ओर स्थित हरियाली इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है। तपोवन की चट्टानों में कई गुफाये हैं जिनमें कई छोटे-छोटे मंदिर स्थित हैं। इन्ही गुफाओ में एक छोटा सा कुंड भी स्थित है।
त्रिकूट पर्वत
त्रिकूट पर्वत तपोवन से लगभग 8 से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यदि आप सावन के समय में यहाँ आते हैं तो तपोवन से त्रिकूट पर्वत के बीच का रास्ता बहुत ही सुन्दर देखने को मिलता है। बारिश के वजह से यह रास्ता हरियाली से घिरा हुआ होता है जो बहुत सी सुन्दर दिखाई देता है। त्रिकूट पर्वत पर आपको बहुत से मंदिर देखने को मिल जायेंगे। जिसमे गणेश मंदिर, शिव मंदिर, नव ग्रह मंदिर, दुर्गा मंदिर आदि।
नौलखा मंदिर
नौलखा मंदिर बैद्यनाथ मंदिर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर वास्तुकला का अद्धभुत नज़ारा पेश करता है। इस मंदिर में आप राधा कृष्ण के सुन्दर रूप के दर्शन कर सकते हैं।
नंदन पहाड़
शाम के समय में आपको घूमने के लिए नंदन पहाड़ पर जरूर जाना चाहिए। यह बैद्यनाथ मंदिर से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर एक गार्डन स्थित है जो बहुत ही खूबसूरत दिखाई पड़ता है। इसके साथ ही यहाँ से पूरे देवघर का बहुत सुन्दर दृश्य दिखाई पड़ता है। इस गार्डन में एंट्री करने के लिए एक टिकट लेना होता है जिसका प्राइस 10 रुपये प्रति व्यक्ति होता है।
बैद्यनाथ की यात्रा का बजट
बैद्यनाथ यात्रा में आपको कितना बजट चाहिए होगा वो इस बात पर निर्भर करता है की आप यहाँ की कितने दिनों की यात्रा का प्लान करते हैं और आप किस जगह से आ रहे हैं। वैसे आप बैद्यनाथ धाम में दर्शन करने और यहाँ की जगहों पर घूमने के लिए 2 दिन की यात्रा का प्लान कर सकते हैं। इसमें आपको होटल के रूम का किराया 1000 रुपये दो दिन का और खाने में 1000 रुपये और घूमने के लिए ऑटो का खर्चा 1200 रुपये, तो कुल मिलकर आपको यहाँ पर मोटा-मोटा 3200 से 3500 रुपये चाहिए होंगे। इसमें हमने आपके आने जाने का खर्चा नहीं जोड़ा है।
यदि आप सावन के महीने में आते हो तो आपको यहाँ पर रुकने के लिए रेन बसेरा और कुछ धर्मशालाए मिल जाएँगी। इसके साथ ही सावन में यहाँ पर बहुत से भंडारे होते रहते हैं। जिससे आपका खाने के पैसे बच सकते हैं।