उत्तराखंड में बहुत से खूबसूरत हिल स्टेशन स्थित हैं। जिसमे से एक हिल स्टेशन नैनीताल है जो अपनी खूबसूरत झीलों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। नैनीताल एक ऐसा हिल स्टेशन है जहाँ आप कम बजट में बहुत ही सुन्दर जगहों पर खूब मौज मस्ती कर सकते हैं। नैनीताल बाकि उत्तराखंड के हिल स्टेशनो की तुलना में काफी ज्यादा लोकप्रिय है और हर सीजन में पर्यटक यहाँ आना पसंद करते हैं। इस ब्लॉग में हम नैनीताल के पास स्थित “सातताल लेक” के बारे में जानेगे।
ये लेक नैनीताल के पास स्थित हैं और पर्यटकों के लिए काफी ज्यादा पसंद आती हैं। सातताल झील सात झीलों का समूह है, जो हैं- नल दमयंती ताल, गरुड़ ताल या पन्ना ताल, हनुमान ताल, राम ताल, लक्ष्मण ताल, सीता ताल, और हनुमान ताल। इन तालों में राम ताल, लक्ष्मण ताल और सीता ताल का एक समूह है और बाकि ताल अलग-अलग और कुछ दूरी पर स्थित हैं। हम इन्ही झीलों के बारे में और यहाँ घूमने से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। जिससे आपको इन लेक पर घूमने में और ट्रिप का प्लान बनाने में सहायता मिले…
विषय सूची
शार्ट जानकारी
जगह | सातताल लेक |
लेक | गरुड़ ताल, नल दमयंती ताल, राम ताल, लक्ष्मण ताल, सीता ताल, हनुमान ताल, सूखा ताल। |
पता | नैनीताल से 23 किलोमीटर मेहरागांव घाटी |
प्रसिद्ध | प्राकृतिक सुंदरता, पक्षियों का घर और पर्यटन |
निकट रेलवे स्टेशन | काठगोदाम उत्तराखंड (31 किलोमीटर) |
निकट एयरपोर्ट | पंतनगर उत्तराखंड (66 किलोमीटर) |
सातताल लेक कहाँ है?
सातताल लेक भारत के उत्तरखंड राज्ये के नैनीताल जिले के भीमताल शहर में मेहरागांव घाटी में स्थित हैं। यह झीले 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं, जो नैनीताल से 23 किलोमीटर और भीमताल से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह झीले सात झीलों का समूह हैं, जिनमे से कुछ झीले आपस में जुड़ी हुयी हैं और कुछ झील अलग हैं।
सातताल लेक का इतिहास
उत्तराखंड के प्रमुख हिल स्टेशन में से एक नैनीताल के पास स्थित सातताल लेको का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है। इन झीलों में से कुछ का सम्बन्ध महाभारत से जोड़ा जाता है तो कुछ का सम्बन्ध रामायण से जोड़ा जाता है। इन झीलों को लेकर काफी किवदंतियां बताई जाती हैं जो नैनीताल और इसके आस पास के क्षेत्र में बहुत अधिक लोकप्रिय हैं।
सातताल लेक में से नल दमयंती लेक के बारे में बताया जाता है की इस लेक के पास में राजा नल और उनकी पत्नी दमयंती का महल था। ऐसा कहा जाता है की राजा नल अपनी पत्नी दमयंती के साथ चौदह वर्ष के वनवास के दौरान इसी झील में डूब गए थे, इसलिए इस झील का नाम नल दमयंती झील पड़ा।
इन झीलों में से राम ताल, लक्ष्मण ताल, और सीता ताल तीन तालो का समूह है और ऐसा माना जाता है की यहाँ पर ये तीनो लोग आकर रहे थे जिस वजह से इन झीलों का नाम रामताल , लक्ष्मण ताल और सीता ताल पड़ा। यहाँ के लोगो द्वारा बताया जाता है की यहाँ पर पांडवो का भी आगमन हुआ था।
इन झीलों में से एक झील सूखा झील भी है। जिसे खुदड़िया ताल के नाम से जाना जाता था, लेकिन इस झील के सुख जाने के बाद इसे सूखा ताल के नाम से जाने जाने लगा। इन तालो में एक ताल हनुमान ताल है और एक ताल गरुड़ ताल है जिसे पन्ना ताल भी कहते हैं।
सातताल लेक एक्टिविटीज
नैनीताल एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है, जहाँ आप बहुत सी एक्टिविटीज कर सकते हैं। अगर हम सातताल लेक के पास में होने वाली एक्टिविटीज की बात करे तो पहले की तुलना में अब बहुत से गेम्स और एक्टिविटीज लेको के पास की जाती हैं। इन झीलों में गरुड़ झील, सूखा झील के पास कोई भी एक्टिविटी करने को आपको नहीं मिलेगी बाकि सभी झीलों के पास आप कुछ न कुछ कर सकते हैं। राम ताल, लक्ष्मण ताल और सीता ताल में आप नौकायन, बोटिंग कर सकते हैं तो हनुमान झील में आप कायकिंग कर सकते हैं।
नल दमयंती झील को बहुत सुन्दर तरीके से रिनोवेट किया गया है। यहाँ बच्चो के लिए कुछ झूले और कुछ एक्सरसाइज मशीन लगायी गयी हैं। इस झील में भी बोटिंग के साथ स्विमिंग का मज़ा उठा सकते हैं लेकिन झील काफी गहरी है तो आप यहाँ सावधानी पूर्वक ही नहाये। आप इन झीलों के पास नौकायन, रोइंग, पडलिंग,और कायकिंग जैसी एक्टिविटीज कर सकते हैं।
सातताल लेक ट्रेक
सातताल तक तो आप गाड़ी द्वारा आसानी से पहुंच जाओगे। इन झीलों के पास पहुंचने के लिए आपको कुछ किलोमीटर का ट्रेक करना होता है। जिसमे से गरुड़ ताल और सूखा ताल तक आपको लगभग 1 से 2 किलोमीटर का ट्रेक करना होता है बाकि के झील तक पहुंचने के लिए आपको कुछ ही मीटर चलना होता है। ये सभी झील कुछ किलोमीटर के एरिया में फैली हुयी हैं। यदि आप अपने वाहन के द्वारा यहाँ नहीं आये हैं तो आप आसानी से पैदल या प्राइवेट गाड़ी द्वारा यहाँ घूम सकते हैं।
सातताल लेक कैंपिंग
इन झीलों के पास घूमना और कैंपिंग करना सबसे अच्छा विकल्प होता है। आप इन झीलों के पास बने रिसोर्ट या सरकारी गेस्ट हाउस में कैंपिंग कर सकते हैं। साथ ही यदि आप अकेले खुद कैंपिंग करना चाहते हैं तो आप परमिशन लेकर वो भी कर सकते हैं। गरुड़ ताल के पास कैंपिंग करना और साथ में पंछियो को देखना बहुत ही सुन्दर और अद्धभुत रहता है। कैंपिंग करने के लिए आप अपना सारा सामन ला सकते हैं या फिर आप यहाँ पर रेंट पर भी ले सकते हैं। तो झीलों के पास सितारों के नीचे कैंपिंग करना एक अलग आनंद होता है।
सातताल लेक होटल्स
सातताल या नैनीताल में रुकने के लिए आपको बहुत से होटल्स, गेस्ट हाउस और रिसोर्ट मिल जायेंगे। यदि आप नैनीताल घूमने आये हैं तो आपको सातताल में ही रुकना चाहिए। यहाँ आपको सरकारी टूरिस्ट गेस्ट हाउस में बहुत से टेंट हाउस और कॉटेज रेंट पर मिल जायेंगे। यह गेस्ट हाउस लेक के ठीक सामने हैं और बहुत ही सुन्दर व्यू को प्रदर्शित करते हैं। इन कॉटेज का रेंट 1500 से 10000 रुपये होता है, जिसमे अलग-अलग तरह की सुविधाएं और खाना शामिल होता है।
यदि हम टेंट हाउस की बात करे तो एक टेंट में लगभग 5 लोगो की रहने की व्यवस्था होती है और इसका रेंट 800 रुपये प्रति व्यक्ति होता है। इन टेंटो में रहने का सबसे अच्छा फायदा ये है की आपको कुछ अलग अनुभव करने को मिलता है और गांव की शैली का जीवन का अनुभव होता है। यहाँ आपको कुछ छोटी धर्मशाला और छोटे गेस्ट हाउस भी मिल जायेंगे तो आपका जिस प्रकार बजट है आप उस हिसाब से अपने रूम का चुनाव कर सकते हैं।
सातताल लेक आकर्षण
सातताल लेक गर्मियों में लोगो को बहुत अधिक पसंद आती हैं। ये जगह यहाँ आने वाले पर्यटकों के बीच इसलिए भी बहुत प्रसिद्ध है क्यूंकि यहाँ आपको बहुत से ऐसे पक्षी और तितलियाँ देखने को मिलती हैं जो आपने आज से पहले नहीं देखी होंगी। गर्मियों के समय गरुड़ ताल के चारो ओर का वातावरण बहुत ही सुन्दर और मन को शांत करने वाला होता है। यह झील चारो ओर से देवदार के पेड़ो से घिरी हुयी है। इस झील के किनारे सीढ़ियों पर बैठना और कैंपिंग करना बहुत ही अच्छा रहता है। सातताल लेक के पास आप बहुत सी चीजे और एक्टिविटी कर सकते हैं जैसे…
लेक के पास कैंपिंग
गर्मियों के समय में आने वाले पर्यटक इन झीलों के पास कैंपिंग करना बहुत अधिक पसंद करते हैं। साथ ही इन झीलों के पास में स्थित रिसोर्ट या गेस्ट हाउस भी इस चीज की सुविधा देते हैं। लेक के पास खुले आसमान के नीचे सितारों के बीच में कैंपिंग और दोस्तों के साथ रात में गाना और डांस करना लोगो को खासा पसंद आता है।
नौकायन या बोटिंग
इन झीलों के पास जो सबसे अधिक की जाने वाली गतिविधि है वो है बोटिंग करना। शाम में सूर्योस्त के समय इन झीलों में बोटिंग करना एक अलग एहसास देता है। शाम के समय में इन झीलों की रौनक बहुत अधिक बढ़ जाती है क्यूंकि चाँद की चांदनी के साथ लाइट की रौशनी जब इन झीलों पर पड़ती है तो पानी कुछ रंगो में बिखर जाता है और बहुत ही सुन्दर लगता है।
पछियों को देखना
यह जगह पंछियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ आपको प्रवासी पंछियों की 500 प्रजाति, तितलियों की 525 से अधिक और किट पतंगों की 11000 से अधिक प्रजाति देखने को मिल जाएँगी। इसी वजह से यह जगह फोटो ग्राफी में दिलचस्प रखने वाले लोगो के लिए बहुत अधिक पसंद आती है। आप यहाँ दूरबीन से तरह-तरह के पंछियों और तितलियों को देख सकते हैं, जो कुछ नया एहसास देता है।
साहसिक गतिविधि
यदि आपको पहाड़ो पर एडवेंचर और साहसिक गतिविधि करना पसंद है तो आप इन झीलों के पास कर सकते हैं। यहाँ आप माउंटेन बाइकिंग, क्लाइम्बिंग, रैपलिंग जैसी साहसिक गतिविधि कर सकते हैं।
सातताल लेक कैसे पहुंचे?
यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले नैनीताल पहुंचना होगा। वहां से आप आसानी से सातताल लेक तक पहुंच जायेंगे। यहाँ तक आप सड़कमार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं और यदि आप फ्लाइट या रेल द्वारा आना चाहते हैं तो आप सीधे सातताल तक नहीं पहुंच सकते हो लेकिन आधी दूरी जरूर तय कर सकते हो। तो आईये जानते हैं की आप किस प्रकार से यहाँ तक पहुंच सकते हो…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
सातताल लेक तक पहुंचने का सबसे अच्छा और सरल तरीका सड़कमार्ग द्वारा है। आप सबसे पहले हल्द्वानी या नैनीताल पहुंचे। इन दोनों जगहों के लिए बस आपको उत्तर प्रदेश के अधिकतर शहरों से और दिल्ली से मिल जाएगी। हल्द्वानी से बस द्वारा आप आसानी से नैनीताल पहुंच जायेंगे और फिर वहां से प्राइवेट जीप या बस द्वारा सातताल तक आप पहुंच जायेंगे।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप यहाँ रेलमार्ग द्वारा आना चाहते हो तो नैनीताल या सातताल दोनों में ही कहीं भी रेलवे स्टेशन नहीं है। सातताल के सबसे निकट रेलवे स्टेशन “काठगोदाम” है। काठगोदाम से नैनीताल की दूरी 35 किलोमीटर है जिसे आप बस द्वारा या शेयरिंग जीप या कैब द्वारा पूरा कर सकते हैं। आप काठगोदाम से सातताल तक के लिए सीधे प्राइवेट गाड़ी द्वारा भी आ सकते हैं। काठगोदाम से सातताल लेक की दूरी 31 किलोमीटर है।
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप फ्लाइट द्वारा यहाँ आना चाहते हैं तो नैनीताल या सातताल में कोई भी एयरपोर्ट नहीं है। सातताल के सबसे निकट एयरपोर्ट “पंतनगर एयरपोर्ट” है जो नैनीताल से 70 किलोमीटर और सातताल से 66 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंतनगर से आप बस द्वारा या फिर प्राइवेट गाड़ी द्वारा सातताल तक पहुंच सकते हैं। पंतनगर के लिए फ्लाइट आपको देश के सभी बड़े एयरपोर्ट्स से मिल जाएगी तो आप आसानी से यहाँ तक पहुंच सकते हैं।