विंटर ब्रह्मताल ट्रेक, सर्दियों में किये जाने वाले इस ट्रेक की सम्पूर्ण जानकारी, कैसे पहुंचे? आपको पैकेज क्यों लेना चाहिए? कहाँ रुके? आदि (Winter Brahmatal Trek, complete information about this trek to be done in winter, how to reach? Why should you take the package? Where to stay? Etc.)

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यदि आप सर्दियों के मौसम में घूमने के शौकीन हैं और सोच रहे हैं किसी ट्रेक पर जाने की जो थोड़ी एडवेंचर और खूबसूरत दर्शयो से भरी हुई हो तो हम इस ब्लॉग में एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। जहाँ तक पहुंचने के लिए आपको 22 किलोमीटर का ट्रेक करना होता है। जिस ट्रेक और जगह की हम बात कर रहे हैं, वह है- “ब्रह्मताल ट्रेक”। यह ट्रेक उत्तराखंड में स्थित है। ब्रह्मताल के बारे में कहा जाता है की यहाँ ब्रह्मा जी ने तप किया था। शायद इस वजह से इस जगह का नाम ब्रह्मताल पड़ा।

इस ब्लॉग के माध्यम से हम ब्रह्मताल ट्रेक की सभी छोटी बड़ी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। आपको कब इस ट्रेक को करना चाहिए? ये ट्रेक कितने दिन का होता है? आपको ट्रेकिंग पैकेज क्यों लेना चाहिए? इस ट्रेक के लिए आपका बजट कितना हो? ऐसी ही सभी जानकारियों को हम आपसे साझा करेंगे। आपको हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी कैसी लगी उसका फीडबैक कमेंट के माध्यम से जरूर दे और इससे जुड़े कोई भी सवाल हो उसे भी आप हमसे पूछ सकते हैं।

कुछ बेसिक जानकारी

  • ट्रेक (Trek): ब्रह्मताल ट्रेक (Brahmatal Trek)
  • अधिकतम ऊंचाई (Maximum Height): 12250 फ़ीट (12250 feet)
  • ट्रेक लम्बाई(Trek Length): 22 किलोमीटर (22 Kilometer)
  • ट्रेक अवधि (Trek Duration): 5-6 दिन (5 – 6 Days)
  • ट्रेक कठनाई (Trek Difficulty): सामान्य से मध्यम (Normal to Medium)
  • बेस्ट मौसम (Best Weather): नवंबर से मार्च (November to March)
  • निकट रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station): ऋषिकेश और काठगोदाम (Rishikesh & Kathgodam)
  • निकट एयरपोर्ट (Nearest Airport): जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून (Jolly Grant Airport)

ब्रह्मताल ट्रेक कहाँ स्थित है?

आप सर्दियों में किसी ट्रेक को करना चाहते हैं तो ब्रह्मताल ट्रेक उनमे से एक हो सकता है। ब्रह्मताल ट्रेक भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में 12250 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह ट्रेक विंटर में पसंद किये जाने वाले ट्रेक्स में से एक है। इस ट्रेक के दौरान आप ब्रह्मताल झील को देखते हैं। जो देखने में बहुत सुन्दर है और इससे जुड़ी हुई एक पौराणिक कहानी भी है।

ब्रह्मताल के नाम और इससे जुड़ी हुयी पौराणिक कहानी क्या है?

ब्रह्मताल उत्तराखंड में स्थित है और उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। उत्तराखंड के ज्यादतर स्थान ऐसे हैं जो की किसी न किसी भगवान के स्वरुप से जुड़े हुए हैं। ऐसा ही एक स्थान या ट्रेक है ब्रह्मताल ट्रेक। इसके बारे में कहा जाता है की इसका नाम ब्रह्मा जी के द्वारा उत्पन्न की गयी झील के वजह से पड़ा। ब्रह्मताल का शाब्दिक अर्थ है- ब्रह्मा की झील। इसके पीछे एक बहुत ही सुन्दर कहानी है, तो आईये जानते हैं इस कहानी के बारे में-

winter brahmatal trek

ऐसा कहा जाता है की ब्रह्मा जी ने वेद पुराणों की रचना यहीं की थी। जब ब्रह्मा जी यहाँ पुराणों की रचना कर रहे थे तब उन्हें किताबो के पेजो को पलटने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता थी लेकिन उन्हें इस जगह कहीं भी पवित्र जल नहीं दिखा तब ब्रह्मा जी ने एक झील का निर्माण किया। जिसे आज ब्रह्मताल या ब्रह्मताल झील कहते हैं। इस जगह का नाम भी इसी कारण के वजह से ब्रह्मताल पड़ा।

ब्रह्मताल ट्रेक की लम्बाई और यह कितना कठिन है?

उत्तराखंड के विंटर ट्रेक जैसे केदारकांठा की तुलना में ब्रह्मताल ट्रेक थोड़ा कठिन है। केदारकांठा भी एक विंटर ट्रेक है, जिसके बारे में हमने अपने पिछले ब्लॉग में बताया है तो उसे भी जरूर पढ़े। ब्रह्मताल ट्रेक की लम्बाई लगभग 22 किलोमीटर की है। जिसमे आप जिस दिन से ट्रेक शुरू करते हैं उसके हिसाब से आप औसतन रोज 7 किलोमीटर का ट्रेक करते हैं।

ब्रह्मताल ट्रेक को आसान से मध्यम के बीच रखा गया है। ब्रह्मताल ट्रेक 7550 फीट से शुरू होकर 12250 फ़ीट तक की ऊंचाई तक जाता है। इस ट्रेक को करने में सबसे बड़ी दिक्कत इसलिए होती है क्यूंकि यह ट्रेक विंटर ट्रेक है इसलिए इस समय में बर्फवारी की वजह से ट्रेक करना मुश्किल होता है और पैर फिसलने लगते हैं। इस ट्रेक में जाने से एक महीना पहले से ही आप अपनी तैयारी शुरू कर दे। रोजाना सुबह में कुछ किलोमीटर की दौड़ और कुछ एक्सरसाइज जरूर करे।

ब्रह्मताल ट्रेक करने का सबसे अच्छा समय?

ब्रह्मताल ट्रेक एक ऐसा ट्रेक है जो पुरे साल खुला रहता है और अलग अलग मौसम के हिसाब से यहाँ पर आपको प्रकृति के अलग अलग नज़ारे देखने को मिलते हैं। तो आईये जानते हैं यहाँ आपको किस समय आना चाहिए?

नवंबर से मार्च

ब्रह्मताल ट्रेक करने का जो सबसे अच्छा समय माना जाता है वह नवंबर से मार्च तक का है। यह ट्रेक इस समय में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो जाता है, क्यूंकि नवंबर से मार्च के बीच में काफी सर्दी पड़ती है जिस वजह से उत्तराखंड और हिमांचल में किये जाने वाले अधिकतर ट्रेक्स को बंद कर दिया जाता है लेकिन यह ट्रेक इस समय में भी बंद नहीं होता है। इस समय में आपको यहाँ पर बर्फवारी देखने को मिलती है जो की वहां के पहाड़ो की सुंदरता को बड़ा देती है। यहाँ पर स्थित झील इस समय में जम जाती है और अपने चारो ओर की सुंदरता को बढ़ाती है।

अप्रैल से जून

अप्रैल से जून के बीच का समय भी यहां आने का एक अच्छा विकल्प है। इस समय में आपको यहाँ की झील जो सर्दियों के बीच में जम जाती है वो जमी हुयी नहीं मिलेगी। झील के पास में कैंपिंग करना और झील में आकाश में चमकते हुए तारों के प्रीतिबिम्बों को देखना बहुत ही सुन्दर और मन को शांत करने वाला एहसास होता है।

इस समय में यहाँ लोगो का आना नवंबर से मार्च तक आने वाले ट्रेकर्स की तुलना में कम हो जाता है। इस समय में बाकी ट्रेक और भी बहुत सी जगह जो सर्दियों में बंद कर दी जाती है वो इस समय में खोल दी जाती हैं जिस वजह से इस समय में यहाँ लोग कम आते हैं।

जुलाई से अक्टूबर

जुलाई के महीने से पुरे भारत में मानसून दस्तक देने लगता है। जिस वजह से इस समय में किसी भी ट्रेक को करना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है। मानसून जुलाई से लेकर लगभग सितम्बर के बीच या एन्ड तक चलता है। इस समय में ये ट्रेक इसलिए थोड़ा कठिन हो जाता है क्यूंकि अधिक बारिश होने के कारण रास्ते ब्लॉक हो जाते हैं और लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप इस समय में इन सभी मुश्किलों को पार करके इस ट्रेक को करते हैं तो आप देखेंगे की किस तरह प्रकृति ने अपने सभी रंगो को बिखेर दिया है। मानसून के बाद आप इस ट्रेक को आसानी से कर सकते हैं।

ब्रह्मताल ट्रेक में लाइट और नेटवर्क?

उत्तराखंड में किये जाने वाले ये या और भी ट्रेक्स के दौरान आपको बिजली बहुत ही कम मिलती है। इस ट्रेक में भी आपको बिजली आखरी बार लोहाजंग जो ब्रह्मताल ट्रेक का बेस कैंप है वही पर मिलेगी। लोहाजंग में लाइट का कोई भी पता नहीं होता है की कब तक लाइट रहेगी और कब नहीं। इस ट्रेक के दौरान आपके पास जितने भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं उन्हें ऋषिकेश या जहाँ पर भी आपका पिकउप पॉइंट है वहां चार्ज कर ले। यहाँ आते समय आप अपने साथ पावर बैंक जरूर रखे।

यहाँ पर अभी भी उस तरह से विकास नहीं हुआ है, जिस तरह से मुख्य शहरों में हो रखा है। यहाँ आपको नेटवर्क भी सिर्फ लोहाजंग तक मिलता है। लोहाजंग में 4G टावर लगा हुआ है। लोहाजंग में आपको BSNL, एयरटेल और वोडाफोन के नेटवर्क मिल जायेंगे। आप लोहाजंग से ब्रह्मताल तक का ट्रेक शुरू करने से पहले ही अपने घर वालो से और जो भी जरुरी कॉल्स हो उन्हें कर ले। इससे आगे आपको ब्रह्मताल ट्रेक के दौरान नेटवर्क नहीं मिलेंगे।

क्या यहाँ एटीएम है?

आप जब भी किसी ट्रेक या कहीं पहाड़ी जगह घूमने जाए तो अपने पास ज्यादा से ज्यादा कैश रखे। इस ट्रेक के दौरान आपको एटीएम ब्रह्मताल के बेस कैंप लोहाजंग से 25 किलोमीटर पहले देवल में मिलेगा उसके बाद कोई भी एटीएम नहीं है। यहाँ भी अधिकतर एटीएम में पैसे नहीं होते हैं। तो आप मुख्य शहरों में ही कैश निकाल ले।

ब्रह्मताल ट्रेक को कैसे करे और कैसे पैकेज ले?

आप जब भी ऐसे किसी ट्रेक को करे तो आप किसी भी ट्रेकिंग कंपनी के द्वारा पैकेज लेकर करे। इससे आपको बहुत से फायदे होते हैं आपको खुद इस ट्रेक को मैनेज नहीं करना होता है, जिससे आप खुलकर इस ट्रेक को एन्जॉय कर सकते हैं। अगर आप इस ट्रेक को खुद मैनेज करते हैं तो आपको अकेले ही कैंपिंग का सारा सामान और वहां ट्रेक के परमिट लेने और भी बहुत से काम को देखना पड़ता है। जिसमे बहुत सी समस्या होती हैं तो अच्छा यही रहता है की आप किसी ट्रेकिंग कंपनी द्वारा पैकेज लेकर ब्रह्मताल ट्रेक को करे।

आप जब भी किसी भी वेबसाइट द्वारा पैकेज को बुक करे तो आप उनकी सभी डिटेल्स को जरूर ध्यान से पढ़े और इनकी कैंसलेशन पॉलिसी को भी पढ़ ले।

ट्रैकिंग कंपनी के द्वारा अगर आप ब्रह्मताल ट्रेक को करते हैं तो आपको बहुत सी सुविधा मिलती है जैसे बेस कैंप में रुकने के लिए गेस्ट हाउस, होम स्टे, और ट्रेक के दौरान कैंपिंग, पुरे ट्रेक में खाना, ट्रेक से सम्बंधित परमिट व प्रवेश शुल्क, ट्रेक में यूज़ किये जाने वाले उपकरण, स्लीपिंग बैग, गद्दा आदि और भी बहुत सी सुविधा मिलती हैं इसलिए ऐसे ट्रेक्स को किसी भी ट्रेकिंग कंपनी द्वारा ही करना अच्छा रहता है।

ब्रह्मताल ट्रेक कितने दिन का होगा और कैसे होंगे ये दिन?

ब्रह्मताल ट्रेक को पूरा करने में आपको लगभग 5-6 दिन लगते हैं। पहला दिन आपका पिकउप पॉइंट से बेस कैंप तक का होता है और यहीं से आपके इस ट्रिप के दिन शुरू हो जाते हैं। ये ट्रिप आपको आपकी भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी से एक दम किसी शांत जगह ले जाती है जहाँ आप शांति का अनुभव करते हैं। तो आपके इस ट्रिप के दौरान कैसे होते हैं ये 6 दिन उसके बारे में जानते हैं।

दिन- 01 (पिकउप पॉइंट से बेस कैंप तक)

जब आप ब्रह्मताल ट्रेक को किसी ट्रेकिंग कंपनी द्वारा करते हैं तो उनका एक पिकउप पॉइंट होता है, जहाँ से वो आपको पिकउप करके बेस कैंप के गेस्ट हाउस तक लाते हैं। ज्यादतर ट्रेकिंग कंपनी के बेस कैंप ऋषिकेश या देहरादून होते हैं। ऋषिकेश के पिकउप पॉइंट पर आपको लगभग सुबह 5 बजे पहुंचना होता है जहाँ से आपको 250 किलोमीटर की दूरी को गाड़ी द्वारा तय करना होता है। ट्रिप के पहले दिन आप 2300 फीट की ऊंचाई से 7600 फीट की ऊंचाई तक के सफर को गाड़ी द्वारा तय करते हैं।

पिकउप पॉइंट से बेस कैंप तक गाड़ी द्वारा जाने का किराया पैकेज में शामिल नहीं होता है। तो आपको गाड़ी के इस किराये को बेस कैंप पर पहुंच कर देना होता है। ऋषिकेश से बेस कैंप तक जाने के लिए आपको निम्न रूट को फॉलो करना होता है।

  • ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-रुद्रप्रयाग-कर्णप्रयाग-देवल- बेस कैंप लोहाजंग

आप ऋषिकेश से देवप्रयाग उसके बाद श्रीनगर फिर रुद्रप्रयाग, फिर कर्णप्रयाग फिर देवल होते हुए आप बेस कैंप लोहाजंग पहुंचते है। आज रात आप बेस कैंप के गेस्ट हाउस में रुकते हैं फिर अगली सुबह से आपका ट्रेक शुरू होता है।

दिन- 02 (लोहाजंग से गुजरेनी तक)

दूसरे दिन से आपका ट्रेक शुरू होता है, जो की 4.5 किलोमीटर का होता है। आज सुबह में लोहाजंग में नास्ता करने के बाद आपको आपके गाइड द्वारा कुछ इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं। फिर शुरू होता है लोहाजंग से गुजरेनी तक का सफर। आज के दिन आप 4.5 किलोमीटर का ट्रेक करते हैं जिसे पूरा करने में आपको लगभग 5 घंटे लगेंगे। ट्रेक के शुरू में आप कुछ गांव से होकर जाते हैं और बाद में कुछ हिस्से को जंगल से होकर पूरा करते हैं।

दोपहर में आप गर्म भोजन करते हैं उसके बाद आप अपने बाकि के ट्रेक को पूरा करते हैं। ट्रेक के दौरान आपको पानी, मानव द्वारा निर्मित और झरनो के पानी का उपयोग करना होता है। रास्ते में आपको बहुत से सुन्दर दर्शय देखने को मिलते हैं। रास्ते में एक जगह है जिसे काली घाटी कहते हैं वहां आप एक बहुत ही सुन्दर नदियों के संगम को देख सकते है। जहाँ काली और पिंडारी दो नदियों का संगम होता है। रास्ते में पड़ने वाला जंगल भी बहुत खूबसूरत है जहाँ आप कुछ जंगली पक्षियों को देख सकते हैं। आज का ट्रेक आपका लोहाजंग से शुरू होकर गुजरेनी में जाकर खत्म होता है।

दिन-03 (गुजरेनी से तिलंडी तक)

आज के दिन का ट्रेक पिछले दिन के ट्रेक की तुलना में कम होता है, लेकिन चढ़ाई में आज के दिन का ट्रेक थोड़ा मुश्किलों से भरा होता है। आज आप गुजरेनी में सुबह का नास्ता करने के बाद ट्रेक को शुरू करते हैं। आज आपको सिर्फ 3 किलोमीटर तक का ट्रेक ही करना होता है जिसे आप आराम से 4 घण्टे में पूरा कर लेंगे। आज के ट्रेक के दौरान आपको शुरू में खड़ी चढ़ाई का सामना करना होता है। जैसे जैसे आप आगे बढ़ते जाते हैं रास्ता थोड़ा आसान होता जाता है।

आज के ट्रेक को शुरू करने से पहले गुजरेनी में ही अपनी पानी की बोतल को भर ले क्यूंकि आज के 3 किलोमीटर के ट्रेक के दौरान कोई भी जल स्रोत आपको नहीं मिलेगा। आज आप कैंप साइट पर पहुंच कर दोपहर का भोजन करते है और वहां से दिखने वाले माउंट त्रिसूल और नंदा घुंटी और इनसे जुड़ी हुई पर्वतमालाओं को देखते हैं। जो बर्फ से ढकी हुयी मन को शांति का अनुभव कराती हैं। आज आप तिलंडी में एक टीन शेयरिंग में रुकते हैं। इस ट्रेक की सबसे खूबसूरत रात में से आज की रात होती है जो फोटो खींचने के लिए सबसे अच्छी होती है।

दिन-04 (तिलंडी से ब्रह्मताल झंडी टॉप & ब्रह्मताल समिट)

पुरे ट्रिप में आज का दिन सबसे खास होता है क्यूंकि जितना आज का दिन खूबसूरत होता है उतना ही लम्बा भी होता है। आज आपको वो सब देखने और महसूस करने को मिलता है जिस लिए आप इस ट्रेक को करना चाहते थे। आज के दिन की शुरुआत आपकी तिलंडी में होती है जहाँ आप सुबह का नास्ता करते हैं और शुरू करते हैं आज के 6 किलोमीटर के ट्रेक को। जिसे पूरा करने में आपको लगभग 8 घंटे लगते हैं। आप तिलंडी में सुबह का सूर्योदय देखना बिलकुल भी मिस न करे। तिलंडी में आप उसके पर्वत चोटी पर जाये वहां से उसके चारो ओर की पर्वत श्रृंखलाओं के बहुत ही सूंदर दर्शय दिखाई देते हैं।

आप जब इस 6 किलोमीटर के ट्रेक को शुरू करते हैं, तो आपको शुरू में हल्की हल्की चढाई का सामना करना होता है। ट्रेक के दौरान आप तिलंडी से ही पानी भर ले क्यूंकि इस 6 किलोमीटर के ट्रेक के दौरान कोई भी जल स्रोत नहीं है। ट्रेक को पूरा करने के बाद आप वहां समिट का आनंद ले वहां के शानदार दर्शय को अपने कैमरे में क़ैद करके कुछ समय शांति का अनुभव करे। शिखर से उतरते वक़्त ही ब्रह्मताल झील की ओर जाये। आज की रात आपकी ब्रह्मताल झील के पास कैंप में व्यतीत होती है, जो की एक टीन शेरयिंग होती है।

दिन-05 (ब्रह्मताल से लोहाजंग)

आज का दिन आपका ब्रह्मताल झील से बेस कैंप लोहाजंग की ओर वापसी का होगा। आज का ट्रेक अब तक किये गए ट्रेक में सबसे ज्यादा लम्बा होगा जो की 10 किलोमीटर का होता है। जिसे पूरा करने में आपको कम से कम 8 घंटे लगेंगे। झील से नीचे की ओर उतरने में आपको ज्यादा कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। नीचे उतरते वक़्त आपको मध्यम कठनाई का ही सामना करना होता है। आप नीचे उतरते वक़्त एक छड़ी को अपने साथ जरूर रखे जो आपको नीचे उतरने में सहायता करेगी। दोहपर में आप पैक किये गए खाने को ही खाते हैं। आज की रात आपकी लोहाजंग के गेस्ट हाउस में व्यतीत होगी।

दिन- 06 (लोहाजंग से पिकउप पॉइंट की ओर वापसी)

अब आपका ब्रह्मताल ट्रेक में लास्ट दिन होगा। जहाँ आप सुबह में लोहाजंग में सूर्योदय का आनंद ले और फिर सुबह का नास्ता करे। अपने सभी ग्रुप के मेंबर्स से मिले और उनसे अलविदा ले और अपने ट्रेकिंग कंपनी और उनके गाइड का आभार व्यक्त करे। फिर शुरू होता है आपका 250 किलोमीटर का सफर जो ऋषिकेश में आकर रुकता है। इसको तय करने में आपको लगभग 10 घंटे लगेंगे।

तो कुछ इस प्रकार का होता है ये 6 दिन का ट्रेक। जो काफी खूबसूरत और एडवेंचर से भरा हुआ होता है। इस ट्रेक में आप अपनी भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी को कुछ दिन के लिए भूल जाते हैं और आपको शांति का अनुभव होता है।

ब्रह्मताल ट्रेक तक कैसे पहुंचे?

अब बात आती है की आप ब्रह्मताल ट्रेक तक कैसे पहुंच सकते हैं। तो यहाँ तक पहुंचे के कई साधन हैं जैसे फ्लाइट द्वारा, ट्रेन द्वारा, और बस द्वारा या अपने खुद के वाहन द्वारा। तो आईये जानते हैं की कैसे आप यहाँ तक पहुंच सकते हैं।

फ्लाइट द्वारा कैसे पहुंचे?

अगर आप यहाँ तक फ्लाइट द्वारा आना चाहते हैं तो मैं आपको बता दू की लोहाजंग के सबसे निकट एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है जो की देहरादून में स्थित है। यहाँ से आपको आपके पिकउप पॉइंट तक की दूरी को सड़कमार्ग द्वारा कम्पलीट करना होगा। दिल्ली से देहरादून तक की दूरी 239 किलोमीटर की है। पिकउप पॉइंट से बेस कैंप तक की दूरी को ट्रेकिंग कंपनी के वाहन द्वारा तय करनी होती है।

ट्रेन द्वारा कैसे पहुंचे?

अगर आप इस दूरी को ट्रेन द्वारा करना चाहते हैं तो आप इसके द्वारा भी कर सकते हैं। इस ट्रेक के बेस कैंप के सबसे निकट रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन और काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। यहाँ के लिए ट्रेन भारत के मुख्य शहरों से आसानी से मिल जाएँगी। इन स्टेशनो से आपके कंपनी के पिकउप पॉइंट तक की दूरी को आपको सड़कमार्ग द्वारा करना होगा। जिसे आप आराम से कर सकते हैं।

बस द्वारा कैसे पहुंचे?

यदि आप बस द्वारा इस दूरी को करना चाहते हैं तो वो भी विकल्प आपके पास मौजूद है। आप जिस भी शहर से आते हैं उस शहर से ऋषिकेश तक के लिए बस मिलती है तो आप सीधे ऋषिकेश के लिए बैठ सकते हैं बरना आप हरिद्वार तक आ सकते हैं वहां से आसानी से ऋषिकेश तक पहुंच सकते हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए बसे आपको दिल्ली से बहुत ही आसानी से मिल जाएँगी।

अगर आप इस दूरी को बस द्वारा करते हैं तो ये थोड़ा थकावट भरा हो सकता है क्यूंकि आप ऋषिकेश तक के सफर को बस द्वारा जो की लगभग 7 से 8 घंटे और फिर वहां से बेस कैंप तक का सफर जो 10 घंटे का होता है इसलिए ऋषिकेश तक के सफर को ट्रेन द्वारा करना मेरे हिसाब से बढ़िया रहता है।

कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • जब आप ब्रह्मताल ट्रेक पर जाए तो एक महीना पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर दे। सुबह में थोड़ी एक्सरसाइज और कुछ रनिंग जरूर करे।
  • आप ब्रह्मताल ट्रेक को करने से पहले अपने स्वस्थ का बहुत ख्याल रखे और एक बार अपना मेडिकल चेकउप जरूर कराये।
  • इस ट्रेक के दौरान आप अपने गाइड द्वारा बताई गयी सभी बातों का ख्याल रखे और कुछ भी दिक्कत हो तो अपने गाइड से साझा करे।
  • ट्रेक के दौरान कुछ किलोमीटर के गैप में पानी स्रोत नहीं है तो अपने पास एक पानी की बोतल जरूर रखे।
  • अपने साथ कुछ नियमित तौर पर प्रयोग की जाने वाली दवाई रखे।
  • कंपनी द्वारा बताये गए सभी सामान को अपने साथ रखे और गर्म कपड़े और रेनकोट को भी अपने साथ रखे।

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