इस्कॉन सोसाइटी द्वारा दुनिया में बहुत से राधे कृष्ण मंदिरो का निर्माण किया गया है। इस्कॉन एक गौड़ीय वैष्णव हिन्दू धार्मिक संगठन है। जो लोगो को भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रति विश्वास और अध्यात्म की जानकारी देता है। इस्कॉन संगठन सबसे ज्यादा अपने मंदिरो की वास्तुकला और सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस्कॉन द्वारा बनाये गए राधे कृष्ण मंदिर बहुत ही सुन्दर और अपने आप में एक अलग खूबसूरती को पेश करते हैं।
इस्कॉन संगठन द्वारा बरेली में भी एक राधे कृष्ण मंदिर (इस्कॉन मंदिर बरेली) का निर्माण किया गया है। जो देखने में काफी सुन्दर है। यह मंदिर इतना बड़ा तो नहीं है और न ही इस मंदिर को ईंट द्वारा बनाया गया है, लेकिन फिर भी इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। तो हम इस ब्लॉग में इसी मंदिर से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। जिससे आप जब भी कभी इस मंदिर में दर्शन के लिए जाए तो आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। तो आईये जानते हैं मंदिर से सम्बंधित सभी जानकारियों को…
शार्ट जानकारी
जगह | इस्कॉन मंदिर बरेली |
पता | मुड़िया अहमद नगर बरेली बस अड्डा से आगे बरेली |
प्रसिद्ध होने का कारण | शांत और स्वच्छ वातावरण के साथ आध्यात्मिक वातावरण |
सबसे अच्छा समय मंदिर आने का | जन्माष्टमी और होली |
मंदिर में दर्शन का समय | सुबह 4:30 बजे से 1 बजे तक उसके बाद शाम में 4 बजे से रात 9 बजे तक |
निकट एयरपोर्ट | बरेली एयरपोर्ट |
निकट रेलवे स्टेशन | बरेली जंक्शन रेलवे स्टेशन |
इस्कॉन मंदिर (श्री श्री राधा वृन्दावनचन्द्र जी मंदिर) कहाँ है?
यह मंदिर बरेली में बरेली एयरपोर्ट से 500 मीटर की दूरी पर मुड़िया अहमद नगर में स्थित है। यह इस्कॉन द्वारा बनाया गया बरेली में प्रथम मंदिर है। इस मंदिर तक पहुंचना आसान है, लेकिन यह मंदिर अभी इतना प्रसिद्ध नहीं है तो आप गूगल मैप और लोगो से पूछ-पूछकर मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यदि आप बरेली से बाहर किसी शहर से आते हैं तो आप फ्लाइट और ट्रेन द्वारा भी बरेली आ सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर बरेली की विशेषता
इस मंदिर में आपको सुबह से लेकर शाम तक भजन कीर्तन सुनने का आनंद मिलेगा। इस मंदिर के बाहर एक बहुत ही सुन्दर बगीचा है जो मंदिर की खूबसूरती को बढ़ाता है। मंदिर में एक गौशाला भी है जिसकी देख रेख मंदिर परिसर के लोग करते हैं। इस मंदिर की एक सबसे अच्छी बात यह है की यहाँ आपको एक दम से स्वच्छ वातावरण मिलेगा, जो इस मंदिर की खास विशेषता है।
मंदिर में आप अपने खास अवसर पर अलग से पूजा करा सकते हैं। इस मंदिर में हर रविवार को सुबह भगवद गीता का पाठ सुनाया जाता है और आप कैसे सच्चे और इंसानियत की राह पर चल सकते हैं इसके बारे में मार्गदर्शन दिया जाता है। जो की मुझे इस मंदिर की सबसे अच्छी बात लगती है। मंदिर के बाहर एक दूकान भी है जहाँ से आप कुछ सामान भी खरीद सकते हैं। तो आईये मंदिर की इन विशेषताओं को विस्तार से जाने…
इस्कॉन मंदिर में हर रविवार को होने वाला कार्यक्रम
आप जब भी इस मंदिर में आये तो कोशिश करे की आप रविवार को आये क्यूंकि रविवार को इस मंदिर में खास तरह का कार्यक्रम होता है। रविवार को मंदिर में सुबह 11:30 बजे से कीर्तन शुरू होते हैं जो 12:30 बजे तक चलते हैं। कीर्तन के बाद आरती होती और फिर मंदिर के मुख्य गुरु जी द्वारा भागवत कथा सुनायी जाती है। ये कथा 1 बजे शुरू होती है और 2 बजे तक चलती है। कथा पूरी होने के बाद दोपरह 2:30 बजे प्रतिभोज होता है। उसके बाद इस कार्यक्रम को समाप्त कर दिया जाता है। तो आप रविवार को होने वाले इस खास कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।
हर रोज होने वाली भगवद गीता क्लास
मंदिर में हर रोज होने वाले भगवद गीता के पाठ में आप ऑनलाइन भी जुड़ सकते हैं। इस पाठ में आप जूम ऍप (Zoom APP) द्वारा आसानी से जुड़ सकते हैं। मंदिर में ऑनलाइन भगवद गीता क्लास में जुड़ने से सम्बंधित आईडी दी गयी है जिसकी सहायता से आप इसमें जुड़ सकते हैं। भगवद गीता क्लास में जुड़ने के लिए ZOOM ID- 3115969466 है और PASSWORD- 1234 है। तो आप इनकी सहायता से हर रोज होने वाली भगवद गीता क्लास में जुड़ सकते हैं।
विशेष अवसर पर होने वाली भगवन सेवा
मंदिर में वैसे तो रविवार और कुछ त्योहारो पर पूजा और कीर्तन होते रहते हैं लेकिन यदि आपको आपके किसी विशेष दिन पर मंदिर में पूजा या भगवन सेवा करनी है तो आप इस मंदिर में वो भी कर सकते हैं। इस मंदिर में जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, पुण्यतिथि और किसी अन्य विशेष अवसर पर आप पूजा अर्चना और मंदिर सेवा में शामिल हो सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर में बनी दूकान
इस मंदिर में एक दूकान भी बनी हुयी है जहाँ से आप तुलसी माला, भगवद गीता, और राधे कृष्ण मूर्ति जैसी चीजों को खरीद सकते हैं। यहाँ आपको बहुत से प्रकार की तस्वीरें और धार्मिक किताबे मिल जाएँगी। जिन्हे आपको यहाँ से खरीदना चाहिए।
मंदिर के बाहर बना बगीचा
मंदिर के बाहर कुछ दूरी पर एक बहुत ही सुन्दर बगीचा बना हुआ है। जो मंदिर की खूबसूरती को बढ़ाता है। बगीचे में बहुत से तरह के फूलो के पौधों को लगाया गया है। मंदिर में समय व्यतीत करने के बाद इस बगीचे में घूमना और स्वच्छ हवा को महसूस करना बहुत ही अच्छा रहता है।
इस्कॉन मंदिर में दर्शन का समय
इस मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खुल जाते हैं। तो आप सुबह ४ बजे से लेकर 7 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। उसके बाद आधे घंटे के लिए कपाट को बंद किया जाता है और फिर 7:30 बजे कपाट को खोल दिया जाता है। उसके बाद आप 1 बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के कपाट को 1 बजे के बाद बंद कर दिया जाता है और फिर शाम में 4 बजे पुनः कपाट को खोल दिया जाता है और शाम 9 बजे तक मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। तो इस समय अनुसार आप कभी भी मंदिर में दर्शन करने के लिए आ सकते हैं।
मंदिर में आरती का समय
सुबह कपाट खुलने के बाद सबसे पहले 4:30 बजे मंगला आरती होती है उसके बाद 7:30 बजे श्रृंगार आरती और फिर 7:45 पर गुरु पूजा होती है। दोपहर 12:30 बजे राजभोग आरती और फिर शाम 6:30 बजे शयन आरती होती है। तो यदि आप मंदिर की आरती में शामिल होना चाहते हो तो आप इन समय के अनुसार मंदिर में आ सकते हो और आरती में शामिल हो सकते हो।
मंदिर आने का सबसे अच्छा समय
इस्कॉन मंदिर में आप साल में कभी भी दर्शन करने के लिए आ सकते हैं क्यूंकि यह मंदिर बरेली में स्थित है और बरेली की जलवायु हर समय ठीक ही रहती है। इस मंदिर में आने का जो सबसे अच्छा समय है वो है जन्माष्टमी और होली पर। जन्माष्टमी पर तो इस मंदिर की रौनक देखने लायक होती है जहाँ पूरे दिन भजन कीर्तन का माहौल रहता है और लोग राधा कृष्ण भजन में मोहित रहते हैं।
वहीं होली के समय भी इस मंदिर का एक अलग और अद्धभुत वातावरण देखने को मिलता है। मथुरा वृन्दावन मंदिरो की तरह ही इस मंदिर में बहुत ही उत्साह के साथ होली खेली जाती है। तो आप इन समय अनुसार इस मंदिर में आ सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर बरेली कैसे पहुंचे?
यह मंदिर मुख्य बरेली शहर से लगभग 10 से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर बरेली में स्थित है तो आपको सबसे पहले बरेली आना होगा। बरेली आप सड़कमार्ग, रेलमार्ग और हवाईमार्ग द्वारा आसानी से आ सकते हैं। उसके बाद आप बरेली में कहीं से भी इस्कॉन मंदिर के लिए प्राइवेट शेयरिंग टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। तो आईये जानते हैं की आप कैसे मंदिर तक पहुंच सकते हैं…
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप लखनऊ, दिल्ली जैसे शहरों से बरेली आ रहे हैं तो अब आप फ्लाइट के माध्यम से भी आ सकते हैं। अभी हाल ही बना बरेली एयरपोर्ट से अब यह सुविधा आप लोगो के लिए मिल गयी है लेकिन फ्लाइट द्वारा आना थोड़ा खर्चीला हो सकता है। बरेली एयरपोर्ट से यह मंदिर लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर होगा। तो आप मंदिर तक गाड़ी द्वारा और पैदल चल कर भी पहुंच सकते हैं। एयरपोर्ट के पास में ज्यादा रुकने की व्यवस्था तो नहीं है लेकिन एक 5 स्टार होटल रेडिशन जरूर है जहाँ आप रुक सकते हैं।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
बरेली आने का सबसे आसान और सरल तरीका ट्रेन द्वारा है। इस्कॉन मंदिर के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन बरेली जंक्शन है। जो उत्तर प्रदेश के अधिकतर शहरों और दिल्ली जैसे शहरों से भी जुड़ा हुआ है। तो आप बरेली ट्रेन द्वारा आ सकते है उसके बाद प्राइवेट शेयरिंग गाड़ी द्वारा इस्कॉन मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
यदि आप बरेली से हैं तो आपको इस्कॉन मंदिर के लिए ऑटो सेटेलाइट, सुरेश शर्मा नगर से आसानी से मिल जायेंगे। मंदिर के लिए ऑटो आपको वैरियल से भी आसानी से मिल जायेंगे। यदि आप फ्लाइट द्वारा बरेली आये हैं तो आप आप पैदल या ऑटो द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यदि आप ट्रेन द्वारा आये हैं तो आप बरेली जंक्शन से प्राइवेट ऑटो द्वारा सेटेलाइट पहुंचे वहां से ऑटो द्वारा आप आसानी से मंदिर तक पहुंच जायेंगे।
कुछ महत्वपूर्ण बाते
- यदि आप शाम में प्राइवेट गाड़ी द्वारा मंदिर आ रहे हैं तो आप 5 बजे से पहले ही मंदिर से निकल जाए क्यूंकि शाम 5 बजे के बाद से यहाँ ऑटो नहीं मिलते हैं।
- आप कोशिश करे की रविवार को होने वाली भगवद कथा में जरूर शामिल हो सके।
- आप ऑटो वाले को पता के तौर पर मुड़िया अहमद नगर के बारे में बताये क्यूंकि यह मंदिर मुड़ियाँ अहमद नगर के लेफ्ट साइड में मुख्य रोड से थोड़ा अंदर के लिए है।
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Thank you
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