Himachal Pradesh Kalpa Village | हिमाचल में छिपे हुए कल्पा गांव की खूबसूरती और अद्धभुत नज़ारो की जानकारी

हिमाचल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और अद्धभुत हिमालयी वादियों के लिए जाना जाता है। यहाँ की बहुत सी जगहों पर पर्यटकों का मेला लगा रहता है जिससे हमे यहाँ शांत वातावरण और प्रकृति का ठीक तरह से अनुभव नहीं हो पाता है। हिमाचल में अभी भी ऐसी बहुत सी जगहें हैं जो लोगो से छिपी हुयी हैं जिससे उनकी खूबसूरती आज भी बरकरार है। ऐसा ही हिमाचल की किन्नौर जिले की सतलुज घाटी में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत गांव है, जिसे “कल्पा” के नाम से जाना जाता है।

कल्पा गांव

अधिकतर पर्यटक हिमाचल के कुल्लू, मनाली, शिमला ,धर्मशाला जैसे बड़े शहरों में घूमने आते हैं, जिससे हिमाचल की बहुत सी जगहें छिपी रहा जाती हैं। ऐसा ही एक कल्पा गांव है जो किन्नौर कैलाश यात्रा के बीच में पड़ता है। इस ब्लॉग में हम कल्पा की छिपी हुयी खूबसूरती के बारे में जानेंगे। आप कल्पा गांव कैसे पहुंच सकते हैं और यहाँ घूमने से सम्बंधित जितनी भी जानकारी है उन्हें विस्तार से जानेगे। तो ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े….

कल्पा गांव कहाँ है?

कल्पा हिमाचल में स्थित एक बहुत ही सुन्दर गांव है। यह हिमाचल के किन्नौर जिले में सतलज नदी घाटी में स्थित है। यह गांव 9711 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। कल्पा गांव हिमाचल के कुछ प्रमुख शहर शिमला से 215 किलोमीटर, मनाली से 292 किलोमीटर, धर्मशाला से 396 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन सभी जगहों से आप कल्पा सड़कमार्ग द्वारा आराम से पहुंच सकते हैं।

कल्पा गांव क्यों प्रसिद्ध है?

कल्पा गांव किन्नौर जिले में स्थित है। यह गांव सेब के बगीचों और यहाँ से शुरू होने वाली किन्नौर कैलाश यात्रा की वजह से प्रसिद्ध है। यहाँ से दिखने वाले परिदृश्य और किन्नौर रेंज की पर्वतमाला के लिए भी कल्पा बहुत अधिक प्रसिद्ध है। कल्पा गांव से ही किन्नौर पर्वतमाला पर बनी प्राकृतिक शिवलिंग को भी देखा जा सकता है। यह गांव पुरानी वास्तुकला, किन्नौर शैली द्वारा बने घर, जटिल नक्काशी वाले मंदिर और मठो के लिए भी जाना जाता है।

कल्पा गांव का महत्व

कल्पा गांव का महत्व इसलिए भी बहुत है क्युकी यह आज भी अपनी पुरानी संस्कृति और वास्तुकला को संजो के रखा है। यहाँ से दिखने वाले किन्नौर कैलाश पर्वतमाला के मनोरम दृश्य के वजह से यहाँ का अत्यधिक महत्व है। इस गांव से देखने पर आपको चारो ओर हिमालये के सुन्दर पहाड़ दिखाई देते हैं मानो ऐसा लगता है की आप किसी स्वर्ग में आ गए हों। आप यहाँ से किन्नौर कैलाश पर बनी स्वयंभू शिवलिंग को भी देख सकते हैं। यहाँ पर आपको कुछ पुराने बने हुए मंदिर भी देखने को मिल जायेंगे इनका भी यहाँ बहुत महत्व है।

कल्पा गांव का विवरण

कल्पा एक ऐसा गांव है जहाँ घूमने के लिए आपको किसी भी बाइक या कार की जरुरत नहीं होती है आप इसे ऐसे ही पूरा घूम सकते हैं। गांव में आप पुरानी शैली में बने हुए घर आज भी देख सकते हैं। यहाँ के लोग आज भी अपनी पुरानी संस्कृति में खुश हैं। यह पूरा गांव चारो ओर से हिमालये के पहाड़ो से घिरा हुआ है। यहाँ से सुबह में होते हुए सूर्योदय को देखना एक अलग एहसास होता है। तो आप जब भी कल्पा आये तो सुबह में होते हुए सूर्योदय को जरूर देखे।

गांव के लोगो को अपने देवताओ में भी बहुत विश्वास है। गांव में भगवान कृष्ण और विष्णु भगवान के अवतार नरसिंह भगवान का मंदिर भी स्थित है। मंदिर लकड़ी द्वारा बनाये गए हैं। जो पुरानी संस्कृति और पारम्परिक किन्नौर शैली द्वारा बने हुए हैं। यह एक छोटा सा गांव है जहाँ आपको शांत वातावरण मनमोहक पहाड़ी दर्शय देखने को मिल जायेंगे।

कल्पा में कहाँ रुके?

आप कल्पा गांव में बने होम स्टे में रुक सकते हैं। यह होम स्टे पुरानी शैली द्वारा निर्मित हैं, जिन्हे लकड़ी द्वारा बनाया गया है। यदि आप यहाँ कैंपिंग करना चाहते हैं तो आप वो भी कर सकते हैं। आप कल्पा गांव से 1.5 से 2 किलोमीटर का ऊपर की ओर ट्रेक करके चाका नाम की जगह पर कैंपिंग कर सकते हैं। यहाँ से पूरा कल्पा गांव दिखाई देता है जो देखने में बहुत ही अधिक सुन्दर लगता है। वैसे आप यहाँ बने होम स्टे में ही रुके जिससे आप यहाँ की संस्कृति और लोगो को जान पाएंगे।

कल्पा का स्थानीय खाना?

कल्पा एक छोटा सा गांव है तो आपको यहाँ पर कोई रेस्टोरेंट या होटल देखने को नहीं मिलेंगे। आप इस गांव में लोगो के द्वारा अपने घरो में बनाये गए होम स्टे में रुकने के साथ-साथ खाना भी खा सकते हैं। यहाँ आपको स्थानीय खाना ही मिलेगा। यहाँ रहने वाले अधिकांश लोग मासांहारी हैं तो आपको मासांहारी भोजन मिल जायेगा। आप आपने साथ कुछ मैगी और कुछ खाने की चीजे रख सकते हैं, जिससे आप यहाँ खुद पका कर खा सके। यहाँ कैंपिंग करना एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है।

कल्पा गांव जाने का सही समय?

आप कल्पा गांव कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। वैसे यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा समय मई से अगस्त के बीच का है। यह समय गर्मियों का होता है इसलिए इस समय में यहाँ का मौसम साफ़ रहता है। इस समय में आपको यहाँ पर ठण्ड का एहसास हो सकता है तो आप अपने साथ गर्म कपड़े जरूर रखे। यदि आपको बर्फवारी पसंद है तो आप यहाँ ठंडो के समय भी आ सकते हैं। यहाँ ठंडो में मौसम बहुत अधिक ठंडा हो जाता है और अधिक बर्फ पड़ती है।

कल्पा गांव कैसे पहुंचे?

कल्पा गांव 2960 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ तक पहुंचने का सबसे अच्छा साधन सड़कमार्ग द्वारा है। यदि आप हवाईमार्ग या रेलमार्ग द्वारा यहाँ आना चाहते हैं तो आप इन दोनों साधनो द्वारा सिर्फ आधी दूरी ही तय कर सकते हैं। कल्पा गांव तक पहुंचने के लिए आपको दुनिया के सबसे खतरनाक रोड में से एक हिंदुस्तान-तिब्बत हाईवे से होकर जाना होता है। तो आप यहाँ कैसे पहुंच सकते हैं और किन किन साधनो द्वारा तो आईये अब हम उसके बारे में जानते हैं….

हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?

यदि आप कल्पा हवाईमार्ग द्वारा जाना चाहते हैं तो यहाँ कोई भी एयरपोर्ट नहीं है। कल्पा गांव के सबसे नजदीक एयरपोर्ट शिमला एयरपोर्ट है। यह कल्पा से लगभग 275 किलोमीटर दूर स्थित है। शिमला से कल्पा तक की बाकि की दूरी को आपको सड़कमार्ग द्वारा पूरी करनी होगी। शिमला के लिए आपको फ्लाइट देश के कई बड़े एयरपोर्ट से मिल जाएगी। दिल्ली से शिमला की दूरी 359 किलोमीटर है, जिसे आप फ्लाइट द्वारा आराम से पूरा कर सकते हैं।

रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?

आप अपने शहर से कल्पा तक की आधी दूरी को रेलमार्ग द्वारा भी पूरा कर सकते हैं। कल्पा में कोई भी रेलवे स्टेशन नहीं है जिसके कारण आप सीधे तौर पर तो कल्पा नहीं पहुंच सकते हैं। कल्पा के सबसे निकट रेलवे स्टेशन शिमला रेलवे स्टेशन है। शिमला रेलवे स्टेशन से कल्पा तक की दूरी लगभग 220 किलोमीटर की है।

इस दूरी को आप शिमला से बस या प्राइवेट टैक्सी को बुक करके पूरा कर सकते हैं। शिमला रेलवे स्टेशन देश के कई बड़े रेलवे स्टेशनो से जुड़ा हुआ है। यदि आपको आपके शहर से शिमला के लिए ट्रेन नहीं मिलती है तो आप दिल्ली आ सकते हैं वहां से शिमला की ट्रेन या चंडीगढ़ की ट्रेन पकड़ सकते हैं। शिमला या चंडीगढ़ से बस और टैक्सी द्वारा आप कल्पा गांव पहुंच सकते हैं।

सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?

कल्पा तक पहुंचने का सबसे अच्छा और सुन्दर तरीका बस द्वारा है। आप यदि हिमाचल के ही किसी शहर से हैं तो बस द्वारा या अपने वाहन से या प्राइवेट टैक्सी द्वारा कल्पा तक पहुंच सकते हैं। यदि आप हिमाचल के अलावा किसी और राज्ये से हैं तो आप अपने शहर से शिमला पहुंचे या फिर आप चंडीगढ़ पहुंचे।

चंडीगढ़ से बस के माध्यम से आप रामपुर पहुंच सकते हैं। रामपुर से टैक्सी के माध्यम से आप कल्पा गांव पहुंच सकते हैं। आप दिल्ली से चंडीगढ़ ट्रेन द्वारा पहुंचे जिसका किराया 180 रुपये से शुरू होता है। चंडीगढ़ ISBT से रामपुर तक का बस का किराया 400 से 600 रुपये होता है। रामपुर से कल्पा तक टैक्सी का किराया 2700 से 3300 रुपये होता है। तो आपको एक तरफ से कम से कम 5000 रुपये किराये में खर्च करने होंगे।

कल्पा गांव के आस पास घूमने के स्थल

आप जब कल्पा गांव आये तो यहाँ की कुछ फेमस जगहों पर भी जाए। कल्पा गांव से कुछ ट्रेक भी शुरू होते हैं तो आप इन्हे भी कर सकते हैं। तो आईये जानते हैं आप कल्पा के पास में किन किन जगहों पर घूम सकते हैं…

नारायण नागनी मंदिर

कल्पा आने वाले लोगो के बीच में नारायण नागनी मंदिर भी एक आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर का इतिहास भी बहुत पुराना है। मंदिर श्री कृष्ण और नरसिंह भगवान को समर्पित है। मंदिर लकड़ी द्वारा निर्मित है। मंदिर की बाहरी दीवार पर आप भगवान नरसिंह की हिरणाकश्यप का वध करते हुए छपी हुयी आकृति को देख सकते हैं। यहाँ के लोगो का इस मंदिर के प्रति अत्यधिक एक अलग विश्वास है।

चाका ट्रेक

आप कल्पा में घूमने के बाद चाका ट्रेक को भी कर सकते हैं। यह ट्रेक बिलकुल भी कठिन नहीं है और इस ट्रेक को करने के लिए आपके लिए परमिशन की भी आवश्यकता नहीं होती है। चाका ट्रेक सिर्फ 1.5 से 2 किलोमीटर का है जिसे पूरा करने में आपको लगभग 2 घंटे का समय लग सकता है। चाका ट्रेक करके आप एक समतल पहाड़ी पर पहुंचते हैं जहाँ से कल्पा गांव देखने पर बहुत ही सुन्दर दिखाई पड़ता है। आप शाम में इस ट्रेक को करके यहाँ पर कैंपिंग भी कर सकते हैं।

माहूंनाग मंदिर

यह मंदिर भी कल्पा आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। जब आप चाका ट्रेक करेंगे तो यह मंदिर रास्ते में ही पड़ता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। आपको इस मंदिर में एक शिवलिंगम के दर्शन करने को मिल जायेगे। मंदिर के अंदर भगवान शिव के दर्शन आप कर सकते हैं।

रोघी ट्रेक

आप कल्पा गांव घूमने के बाद रोघी गांव घूमने भी जा सकते हो। यदि आपको ट्रेकिंग करना पसंद है तो आप कल्पा गांव से ट्रेक करके रोघी गांव तक पहुंच सकते हैं। यह ट्रेक लगभग 9 से 10 किलोमीटर का है जिसे आप 4 से 5 घंटे में पूरा कर सकते हैं। यदि आप ट्रेक करके नहीं जाना चाहते तो आप सड़कमार्ग द्वारा अपने वाहन द्वारा भी जा सकते हैं। इसी रास्ते में एक सुसाइड पॉइंट पड़ता है जहाँ से वादियों बहुत सुन्दर दिखाई पड़ती हैं। यहाँ फोटो खींचने के लिए एक फ्रेम लगा हुआ है। तो आप यहाँ पर भी कुछ समय रुक सकते हैं।


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