हिमाचल प्रदेश अपनी सुन्दर घाटियों, पहाड़ो, नदियों और धार्मिक स्थानों के साथ-साथ बहुत से ट्रेक्स के लिए प्रसिद्ध है। साल के हर मौसम में अधिकतर पर्यटक हिमाचल प्रदेश में आना पसंद करते हैं, क्यूंकि यहाँ हर मौसम के हिसाब से बहुत सी सुन्दर जगहें हैं जो लोगो को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। हिमाचल प्रदेश का कसोल एक ऐसा शहर है जो एडवेंचर से प्यार करने वाले पर्यटकों को बहुत ज्यादा आकर्षित करता है। कसोल अपने खूबसूरत पहाड़ो और नदियों के लिए जाना जाता है। जहाँ लोग ट्रेकिंग और एडवेंचर से सम्बंधित गतिविधियां करते हैं।
कसोल में बहुत से ट्रेक्स हैं जो लोगो को बहुत अधिक पसंद आते हैं लेकिन उन्ही में से एक ट्रेक लोगो को बहुत अधिक आकर्षित करता है। जिसे “खीरगंगा ट्रेक” के नाम से जाना जाता है। यह ट्रेक बहुत ही सुन्दर घाटी “पार्वती घाटी” में स्थित है। इस ब्लॉग में हम खीरगंगा ट्रेक से सम्बंधित ही सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। तो आईये जानते हैं खीरगंगा ट्रेक से सम्बंधित सभी जानकारियों को…
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शार्ट जानकारी
जगह | खीरगंगा ट्रेक |
पता | बरषैनी से 14 किलोमीटर दूर कसोल |
प्रसिद्ध होने का कारण | गर्म पानी के झरने और खूबसूरत ट्रेक के कारण |
ट्रेक की दूरी | 14 किलोमीटर |
ट्रेक बेस कैंप | बरषैनी |
सबसे अच्छा समय | मार्च से जुलाई और अक्टूबर से दिसंबर |
निकट रेलवे स्टेशन | जोगिन्दर नगर रेलवे स्टेशन |
निकट एयरपोर्ट | भुंतर एयरपोर्ट कुल्लू |
खीरगंगा ट्रेक कहाँ है?
खीरगंगा ट्रेक हिमाचल प्रदेश के कसोल के पार्वती घाटी में स्थित है। खीरगंगा ट्रेक बरषैनी से शुरू होता है जो इस ट्रेक का बेस कैंप है। कसोल से बरषैनी की दूरी 6 किलोमीटर है जिसे आप बस या प्राइवेट गाड़ी द्वारा पूरा कर सकते हैं। खीरगंगा ट्रेक कसोल में ट्रेकर्स द्वारा किये जाने वाला सबसे प्रमुख ट्रेक है। यह ट्रेक 14 किलोमीटर लम्बा है जिसे पूरा करने में 4 से 5 घंटे लगते हैं।
खीरगंगा ट्रेक डिस्टेंस
बरषैनी खीरगंगा ट्रेक का बेस कैंप है और यहीं से खीरगंगा के लिए ट्रेक शुरू होता है। इस ट्रेक की दूरी 14 किलोमीटर है जो दो रास्तो से पूरी की जा सकती है। एक रास्ता तोश गांव से होते हुए जाता है और एक रास्ता कलगा से होते हुए जाता है। अधिकतर ट्रेकर्स कलगा वाले रास्ते से खीरगंगा टॉप तक जाते हैं और रुद्रनाग वाले रास्ते से नीचे उतारते हैं।
खीरगंगा ट्रेक क्यों प्रसिद्ध है?
हिमाचल में अधिकतर किये जाने वाले ट्रेक किसी न किसी रूप में धार्मिक आस्था के केंद्र से जुड़े हुए हैं। खीरगंगा ट्रेक भी धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। यह ट्रेक अपने खूबसूरत घाटी के दृश्यों, बहती हुयी नदी और गर्म झरने के पानी के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है। खीरगंगा टॉप पर पास में बहती हुयी नदी खूबसूरत पहाड़ और खुले आसमान के नीचे कैंपिंग करना ट्रेकर्स की पहली पसंद रहती है इसलिए सबसे अधिक खीरगंगा ट्रेक कैंपिंग के लिए प्रसिद्ध है।
खीरगंगा में कैंपिंग कैसे करे?
खीरगंगा ट्रेक वैसे आप एक दिन पूरा कर लोगे। यदि आप ऊपर खीरगंगा टॉप पर कैंपिंग करना चाहते हो तो आप ऊपर टॉप पर कैंपिंग के लिए कैंप बुक कर सकते हो। टॉप पर कैंपिंग के लिए नीचे बरषैनी में भी कैंप बुक किये जाते हैं लेकिन आप ऊपर जाकर ही आप अपने कैंप बुक करे। इससे आप अपने हिसाब से मनपसन्द कैंप बुक कर सकते हो। आप ऊपर कैंप बुक करते समय कुछ कैंपो में घूम ले और वहां खाने की व्यवस्था भी देख ले।
खीरगंगा ट्रेक रूट
इस ट्रेक को पूरा करने के दो रास्ते हैं। जिनमे से एक रास्ता बरषैनी से 4 किलोमीटर आगे तोश गांव से जाता है और एक रास्ता बरषैनी से जाता है जो कलगा होते हुए जाता है। अधिकतर लोग बरषैनी के कलगा मार्ग से खीरगंगा टॉप तक ट्रेक करके जाते हैं और वापस रुद्रनाग वाले रास्ते से आते हैं। बरषैनी से कलगा वाला मार्ग बहुत ही सुन्दर है और पेड़ो से घिरा हुआ है जिस वजह से गर्मियों के समय में इस मार्ग से ट्रेक करना बहुत ही अच्छा रहता है।
कैंपिंग करने के बाद आप बरषैनी की ओर वापसी रुद्रनाग वाले रास्ते से करे। इस रास्ते के बीच में पड़ने वाले रुद्रनाग मंदिर में दर्शन करे और कुछ समय व्यतीत करे। उसके बाद नीचे बरषैनी की ओर वापसी कर दे। रुद्रनाग वाला रास्ता एक दम से खुला हुआ है और इस रास्ते में आपको बहुत से सुंदर पहाड़ो के दृश्य देखने को मिल जाएंगे। इस मार्ग में आपको कुछ बहुत ही प्यारे झरने भी देखने को मिलेंगे जहाँ आप फोटो क्लिक करा सकते हो।
खीरगंगा कैसे पहुंचे?
खीरगंगा ट्रेक करने के लिए आपको सबसे पहले कसोल पहुंचना होगा। कसोल तक आप सड़कमार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हो और फिर कसोल से आप बर्षेनी तक पहुंच सकते हो जो खीरगंगा ट्रेक का बेस कैंप है। नीचे हम विस्तार से जानंगे की आप किस तरह से और कौन से रूट से बर्षेनी तक पहुंच सकते हो। तो आईये जानते हैं बर्षेनी तक के सफर के बारे में…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रो में पहुंचने का सबसे अच्छा साधन सड़कमार्ग है। यदि आप अपनी गाड़ी से आते हैं तो आप किसी भी बिना रूकावट के हिमाचल के खूबसूरत वादियों में पहुंच जाओगे। खीरगंगा ट्रेक करने के लिए आपको सबसे पहले कसोल पहुंचना होगा। कसोल के लिए बसे आपको कुल्लू बस स्टैंड से आसानी से मिल जाएँगी। कसोल पहुंचने के बाद आप कसोल से बस या प्राइवेट टैक्सी की सहायता से बरषैनी तक पहुंच जाए।
बरषैनी खीरगंगा ट्रेक का बेस कैंप है। बरषैनी से ही खीरगंगा का ट्रेक शुरू होता है। खीरगंगा से बरषैनी तक का बस का किराया 50 रुपये है और प्राइवेट गाड़ियों का किराया 1000 रुपये तक हो सकता है। बरषैनी पहुंचकर आप खीरगंगा का ट्रेक शुरू कर सकते हैं। यह ट्रेक 14 किलोमीटर का है जिसे पूरा करने में लगभग 4 से 5 घंटे लगेंगे।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
कसोल के सबसे निकट रेलवे स्टेशन जोगिन्दर नगर और पठानकोट रेलवे स्टेशन है। इन दोनों जगहों के लिए ट्रेन आपको चंडीगढ़ और दिल्ली से आसानी से मिल जाएँगी। जोगिन्दर नगर से आप प्राइवेट गाड़ी या बस द्वारा कसोल तक पहुंचे और फिर वहां से बरषैनी तक पहुंच जाय। बरषैनी पहुंचकर आप खीरगंगा तक 14 किलोमीटर का ट्रेक शुरू कर दे जिसे आप 4 से 5 घंटे में पूरा कर लोगे।
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
कसोल के सबसे निकट एयरपोर्ट भुंतर एयरपोर्ट है जो कसोल से 31 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भुंतर एयरपोर्ट से प्राइवेट गाड़ी द्वारा आप कसोल तक पहुंचे और फिर वहां से बरषैनी पहुंच जाए। भुंतर के लिए फ्लाइट देश के सभी बड़े एयरपोर्ट से मिल जाएँगी। जिससे आप आसानी से भुंतर कुल्लू तक पहुंच जाओगे। फ्लाइट से आना आसान तो रहता है लेकिन थोड़ा महंगा होता है।