Khatu Shyam Mandir यात्रा की जानकारी (हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा की कहानी)

खाटू श्याम, जिन्हे हारे का सहारा कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम Khatu Shyam Mandir यात्रा की जानकारी (हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा की कहानी ) के बारे में जानेंगे।

ये मंदिर कहाँ स्थित है? क्या है इस मंदिर का इतिहास? क्यों है इस मंदिर की इतनी मान्यता? खाटू श्याम कौन थे ? खाटू श्याम को क्यों कहा जाता है हारे का सहारा? हमे इस मंदिर में क्यों जाना चाहिए? हम इस मंदिर तक किस प्रकार पहुंच सकते हैं? वहां रुकने के लिए होटल्स या धर्मशाला कैसी हैं? वहां का खाना? मंदिर के आसपास की जगह जहाँ हम जा सकते हैं? और भी बहुत सी इस मंदिर और बाबा खाटू श्याम से सम्बंधित जानकारी जिसके बारे में हम जानेंगे।

Khatu Shyam Mandir कहाँ स्थित है ?

Rajasthan camel

Khatu Shyam Mandir भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले के एक छोटे से गांव खाटू में स्थित है। ये मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 80 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। जयपुर से आप Khatu Shyam Mandir सड़कमार्ग और ट्रेन मार्ग द्वारा भी जा सकते हैं।

Khatu Shyam Mandir का इतिहास ?

Khatu Shyam Mandir का इतिहास हज़ारो साल पुराना है। कहा जाता है की महाभारत युद्ध के बाद बर्बरीक जो पांडवो में भीम के पौत्र और घटोत्कच के बड़े पुत्र थे, उनके शीश को रूपवती नदी में प्रवाहित कर दिया गया। जो बहता हुआ राजस्थान के सीकर जिले में खाटू नामक गांव में दब गया। रूपवती नदी जो कुछ सालो के बाद सूख गयी और बहीं किसी जगह वो शीश दबा रहे गया।

History book

कई वर्षो तक यह शीश यही दबा रहा और उसके बाद एक राधा नामक गाय जो दूध देने में असमर्थ थी। जिसके कारण उसके मालिक ने उसे छोड़ दिया। वह गाय घूमती – घूमती उस जगह जा पहुंची जिस जगह बर्बरीक का शीश दबा हुआ था। उस स्थान पर पहुंचने के बाद उसके थनों से दूध बहने लगा। जब इस बात का पता खाटू के राजा को लगा तो उस जगह उन्होंने खुदाई कराई, जिसमे उन्हें एक शीश मिला।

शीश मिलने के बाद एक आकाशवाणी हुई और राजा को उस शीश की पूरी जानकारी मिली। जिसके बाद वहां के राजा ने एक मंदिर का निर्माण कराया और देवउठनी एकादशी के दिन उस शीश की मंदिर में स्थापना कराई। इसके बाद 1720 में अभय सिंह जी ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।

क्यों है Khatu Shyam Mandir की इतनी मान्यता ?

भारत देश में न जाने कितने मंदिर हैं और न जाने उन मंदिरो से सम्बंधित कितनी ही कहानियां, जो हर किसी के हिसाब से उसके धार्मिक भाव से जुड़ी हुई हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान में स्थित है, जहाँ महाभारत युद्ध से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए एक पात्र “बर्बरीक” की श्री कृष्ण के रूप में पूजा की जाती है।

जिन्हे लोग ज्यादतर “बाबा खाटू श्याम” के नाम से पुकारते हैं। इन्हे हारे का सहारा कहा जाता है। जो भी हारा हुआ व्यक्ति सच्चे मन से दुआ मांगता है उसे खाटू श्याम नरेश जरूर पूरा करते हैं। जो कोई भी हारा हुआ व्यक्ति सच्चे मन से तुम्हारे द्वार पर आएगा तुम उसके सहारा बनोगे, श्री कृष्ण के इसी वरदान की वजह से यहाँ इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है और इसी वजह से इस मंदिर की इतनी मान्यता है।

खाटू श्याम कौन थे ?

खाटू श्याम द्वापर युग में हुए महाभारत युद्ध के एक अप्रत्यक्ष पात्र थे। ये पांडव में से भीम के पौत्र, घटोत्कच और माता मोरवी के पुत्र थे, जिन्हे उनके घुंघराले बालो की वजह से बर्बरीक नाम से पुकारा जाता था। बर्बरीक बहुत ही वीर योद्धा थे। श्री कृष्ण के वरदान की वजह से और खाटू में दबे मिले शीश की वजह से इन्हे “खाटू श्याम ” नाम से पुकारा गया।

खाटू श्याम को क्यों कहा जाता है ‘हारे का सहारा’ ?

खाटू श्याम जो की एक बहुत बड़े योद्धा थे। कहते है की जब महाभारत युद्ध की घोषणा हुई तब घटोत्कच के सबसे बड़े पुत्र बर्बरीक की युद्ध में लड़ने की इच्छा हुई, पर श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उसका शीश दान में मांग लिया, जिसके फलस्वरूप बर्बरीक ने अपना शीश श्री कृष्ण को दान में दे दिया। बर्बरीक की दानशीलता और बलिदान से प्रसन्न होकर, श्री कृष्ण ने उन्हें ये वरदान दिया की तुम कलयुग में मेरे नाम द्वारा ही पूजे जाओगे। जो भी हारा हुआ इंसान सच्चे मन से तुम्हारी पूजा करेगा तुम उसके सहारा बनोगे। इसी वजह से इन्हे “हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा” कहा जाता है।

हमे इस मंदिर में क्यों जाना चाहिए ?

हमारे देश के कोने – कोने में न जाने कितने मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर खाटू श्याम का, जो राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है की ये मंदिर हारे हुए लोगो का सहारा हैं। कहते हैं की जो भी व्यक्ति खाटू श्याम के दरबार में सच्चे मन से जाता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। श्री कृष्ण के द्वारा दिए गए वरदान की वजह से कहते हैं खाटू श्याम सबका सहारा बनते हैं। तो आप एक बार इस मंदिर में जरूर जाएँ और वहां के वातावरण को महसूस करे जो की भक्तिमय होता है। जो एक दम मन को सुकून देने वाला होता है।

आप इस मंदिर तक किस प्रकार पहुंच सकते हैं ?

आप Khatu Shyam Mandir तक बस, मोटरसाइकिल, ट्रेन, और हवाईजहाज़ से भी जा सकते हैं। यहाँ की सबसे अच्छी बात यह है की यहां कोई ऐसा मार्ग नहीं है की आप लोगो को पैदल चलना पड़े। यहां पर सभी उम्र के लोग आ सकते हैं जिन्हे मंदिर तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी। Khatu Shyam Mandir राजस्थान के सीकर जिले में है। यह रींगस टाउन से सिर्फ 18 किलोमीटर पर है। तो आइए जानते है की आप किन माध्यमों से किस प्रकार खाटू श्याम मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

हवाईजहाज़ द्वारा Khatu Shyam Mandir कैसे पहुंचे ?

Airplane

अगर आप Khatu Shyam Mandir हवाईजहाज द्वारा जाना चाहते है तो हम आपको बता दें की खाटू श्याम में कोई भी एयरपोर्ट नहीं है। यहाँ से सबसे नजदीक एयरपोर्ट जयपुर एयरपोर्ट है, जो की खाटू श्याम से लगभग 80 किलोमीटर की दुरी पर है। यहां से आगे की यात्रा को आप टैक्सी और बस द्वारा सड़कमार्ग से कम्पलीट कर सकते हैं।

ट्रेन द्वारा Khatu Shyam Mandir कैसे पहुंचे ?

Train

अगर आप Khatu Shyam Mandir ट्रेन द्वारा जाना चाहते है तो खाटू श्याम में कोई स्टेशन भी नहीं है। यहां से सबसे नजदीक स्टेशन रींगस स्टेशन है, जो की खाटू से लगभग 17 किलोमीटर की दुरी पर है। लेकिन रींगस स्टेशन केवल राजस्थान, सूरत, मुंबई, अहमदाबाद और चंडीगढ़ से ही जुड़ा हुआ है। अगर आप इन जगहों के अलावा किसी और जगह से आते हैं तो आपको जयपुर स्टेशन ही आना होगा और फिर वहां से सड़कमार्ग द्वारा खाटू।

बस द्वारा Khatu Shyam Mandir कैसे पहुंचे ?

bus

खाटू एक छोटा सा शहर है जो देश के बड़े शहरो से बस मार्ग द्वारा नहीं जुड़ा हुआ है। अगर आप राजस्थान से है तो आप ट्रेन और बस द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं लेकिन अगर आप किसी और राज्य से आते हैं तो आपको सबसे पहले जयपुर ही आना होगा क्यूंकि यहां से आपको बहुत ही सुगमता से खाटू के लिए बस और प्राइवेट गाड़ी मिल जाएँगी।

खाटू में रुकने के लिए होटल्स या धर्मशाला कैसी हैं ?

खाटू इतना विकसित शहर तो नहीं है पर आपको अपने कम्फर्ट के हिसाब से यहां पर होटल्स और धर्मशाला मिल जाएँगी। यहां पर सबसे अच्छी बात यह है की यहां पर धर्मशालाओ में AC रूम मिल जायेंगे जो की बिलकुल ही किफायती रुपए में होते हैं। यहां आपको बहुत ही ज्यादा एक्सपेंसिव से लेकर बहुत ही चीप में रूम मिल जायेंगे। मंदिर के आसपास के कुछ होटल्स और धर्मशालाए निम्न हैं :- राधे की हवेली, श्री खाटू श्याम सरकार चैरिटेबल ट्रस्ट, सवांरियाँ धर्मशाला, हैदराबाद धर्मशाला और खाटू श्याम धर्मशाला आदि।

खाटू का खाना ?

खाटू में खाने में सबसे ज्यादा राजस्थानी खाना ही मिलता है। यहां बहुत से होटल्स है जहाँ आपके पसंद का खाना मिल जायेगा पर अगर राजस्थान आकर राजस्थानी खाना नहीं खाया तो फायदा ही क्या।

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यहां आपको मुख्यता दाल बाटी चूरमा, कलाकंद, मिर्ची बड़ा, और भी बहुत सा राजस्थानी खाना मिलता है। यहाँ सुबह में नास्ते में बेसन की कढ़ी के साथ मिलने वाली पूरी बहुत ही टेस्टी होती हैं। कढ़ी – पूरी यहां का सबसे ज्यादा सुबह में किये जाने वाला नास्ता है। आप जब भी Khatu Shyam Mandir जाये तो यहां का ये नास्ता जरूर करे।

मंदिर के आसपास की जगह जहाँ आप जा सकते हैं ?

आप जब भी खाटू आते और Khatu Shyam Mandir में दर्शन करते है उसके बाद आपको यहां की कुछ और फेमस जगहों पर भी जाना चाहिए। जिनके बारे में हम नीचे जानेंगे की आप और कहाँ – कहाँ और कैसे यहाँ तक जा सकते हैं –

श्री श्याम कुंड

Shyam kund

खाटू श्याम मंदिर के पास ही है “श्री श्याम कुंड”। कहते है की यह वही कुंड है जहाँ बर्बरीक का शीश मिला था। इस कुंड का जल बहुत ही पवित्र माना जाता है। यहां लोग कुंड में स्नान करते हैं। यहां के लोगो का कहना है की इस कुंड में स्नान करने से आपके सरे दुःख ख़तम हो जाते हैं। ये कुंड अंडाकार आकर्ति में बना हुआ है। इसी कुंड के परिसर में लेफ्ट साइड में बना हुआ प्राचीन श्याम कुंड, जिसे अब महिला कुंड भी कहा जाता है। जहाँ अब सिर्फ महिलाये स्नान करती हैं।

श्री श्याम वाटिका

Khatu Shyam Mandir के बायीं ओर एक फूलो का बगीचा है, जिसे “श्री श्याम वाटिका” कहते हैं। यह वाटिका बहुत से तरह के फूलो से सजी हुई है। इसी वाटिका के फूलो से खाटू श्याम का श्रृंगार किया जाता है। शायद इसलिए इसे श्री श्याम वाटिका कहा जाता है।

श्री सालासर बालाजी मंदिर

खाटू में खाटू श्याम के दर्शन करने के बाद आप यहां से लगभग 102 किलोमीटर की दुरी पर स्थित श्री सालासर बालाजी के मंदिर भी जा सकते हैं, जो राजस्थान के चूरू जिले से सुजानगढ़ क्षेत्र में है। भारत का यही एक ऐसा मंदिर है जहाँ हनुमान जी की दाढ़ी मूछ वाली मूर्ति है। कहते है इस मूर्ति की स्थापना आज से लगभग 268 साल पहले हुई थी।

इस मंदिर की रोचक कहानी है। यहाँ के लोग बताते है की यहां पर एक संत मोहनदास महाराज अपनी बहन कान्ही बाई के यहां भोजन कर रहे थे की तभी हनुमान जी ने उन्हें एक ब्राह्मण रूप में दर्शन दिए। संत मोहनदास ने हनुमान जी को दाढ़ी मूछ में देखा तो इसी वेश में हनुमान जी की प्रतिमा का श्रृंगार किया। यही मूर्ति सालासर मंदिर में स्थापित है, जिसकी पूजा की जाती है।

जीण माता मंदिर

Khatu Shyam Mandir से आप जीण माता के मंदिर भी जा सकते हैं, जो की खाटू श्याम से लगभग 34 किलोमीटर की दुरी पर है। जहाँ आप प्राइवेट गाड़ी द्वारा जा सकते हैं। ये मंदिर बहुत ही प्राचीन और माता के 51 शक्तिपीठ में से एक है।

jeen mata mandir

इस मंदिर से देखने पर एक ओर रेवासा की झील तो दूसरी ओर अरावली पर्वत दिखाई देता है। इस मंदिर में तेल चढ़ाया जाता है। मंदिर के मुख्य द्वार के अंदर एक ओर घी से जली ज्योत ओर दूसरी ओर तेल से जलती हुई ज्योत दिखाई देती हैं। तो आप भी खाटू श्याम से इस मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते हैं।

वीर हनुमान मंदिर

hanuman mandir

वीर हनुमान मंदिर, खाटू से लगभग 66 किलोमीटर की दुरी पर है। जिसे आप वहां की लोकल गाड़ी द्वारा भी पूरा कर सकते हैं। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 1100 सीढियाँ चढ़ना पड़ेगा। यहाँ लोग दूर – दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर राजस्थान के समोद में बना हुआ है।

गोल्डन वाटर पार्क

water park

अगर आप खाटू श्याम गर्मियों में जाते हो तो गोल्डन वाटर पार्क एक बहुत ही अच्छी जगह है आपके लिए मस्ती करने की। जो राजस्थान के सीकर जिले में ही है। इसे खाटू वाटर पार्क के नाम से भी जाना जाता है। ये खाटू में ही नहीं पुरे राजस्थान में बहुत ही ज्यादा फेमस है। गर्मियों में यहाँ पर पुरे राजस्थान से लोग वाटर पार्क में मस्ती करते हुए दिख जायेंगे। वाटर पार्क में एंट्री फीस एडल्ट के लिए 400 रुपए और बच्चो के लिए 250 रुपए है।

कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • आप अगर खाटू गर्मियों में जाते हैं तो ग्लुकोन डी और कुछ नियमित दवाई जरूर साथ रखे क्यूंकि यहाँ पानी की कमी से डिहाइड्रेशन की कमी हो जाती है।
  • यहाँ जाते वक़्त अपने साथ कैप, सनग्लास, छाता जरूर रखे, क्यूंकि यहाँ गर्मी बहुत पड़ती है, तो ये आपको गर्मी से बचाने में सहायता करेंगी।
  • यहाँ मौसम दिन में गर्म तो रात में ठंडा रहता है, तो उसी के हिसाब से कपडे रखे और अपनी हेल्थ का भी जरूर ख्याल रखे।
  • ये मंदिर साल में हर दिन खुला रहता है तो आप यहाँ कभी भी जा सकते हैं।

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