भारत में लोगो की सनातन धर्म में अत्यधिक आस्था है। भारत का उत्तराखंड राज्य “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है और ऐसा माना जाता है की देवो का घर उत्तराखंड है। उत्तराखंड में स्थित चार धाम मंदिरो (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) का बहुत अधिक महत्व है। बद्रीनाथ धाम, जो भगवान विष्णु का धाम माना जाता है। बद्रीनाथ धाम से ही कुछ किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसा जलप्रपात है, जिसके बारे में कहा जाता है की इसका पानी पापियों पर नहीं गिरता है।
हम बात कर रहे हैं, वसुधारा जलप्रपात (Vasudhara Waterfall) की, जो बद्रीनाथ धाम से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हम इस ब्लॉग में वसुधारा वॉटरफॉल से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। जिससे आप जब भी बद्रीनाथ धाम दर्शन करने के लिए जाए तो आप इस झरने को भी देख कर आये। तो आइए जानते हैं वसुधारा झरने से सम्बंधित जानकारियों को…
विषय सूची
वसुधारा झरना कहाँ है? (Where is Vasudhara Waterfall?)
यह झरना भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली में बद्रीनाथ से 8 किलोमीटर की दूरी पर माणा गांव में स्थित है। इस झरने का हिन्दू और हिन्दू धर्म ग्रंथो में अत्यधिक महत्व है।
यह झरना उत्तराखंड के मुख्य शहर हरिद्वार से 320 किलोमीटर, ऋषिकेश से 294 किलोमीटर, कोटद्वार से 322 और देहरादून से 331 किलोमीटर दूर स्थित है।
शार्ट जानकारी (Short Information)
जगह (Place) | वसुधारा झरना (Vasudhara Waterfall) |
पता (Address) | बद्रीनाथ धाम से 8 किलोमीटर (8 Km from Badrinath Dham) |
ट्रेक दूरी (Trek Distance) | 5 किलोमीटर (5 Km) |
ट्रेक बेस कैंप (Trek Base Camp) | माणा गांव (Maana Village) |
प्रसिद्ध (Famous) | पांडवो से जुड़े होने के कारण (Due to connection with Pandavas) |
निकट एयरपोर्ट (Nearest Airport) | जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून (Jolly Grant Airport Dehradun) |
निकट रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station) | ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (Rishikesh Railway Station) |
वसुधारा वॉटरफॉल से सम्बंधित कुछ तथ्य (Some facts related to Vasudhara Waterfall)
- यह वॉटरफॉल 400 फिट की ऊंचाई से गिरता है और यह समुद्रतल से 13500 फिट की ऊंचाई पर स्थित है।
- वसुधारा वॉटरफॉल का जिक्र हिन्दू पौराणिक धर्म ग्रंथो में भी मिलता है। इसका सम्बन्ध महाभारत काल से जोड़ा गया है।
- ऐसा माना जाता है की इस झरने का पानी किसी भी पापी व्यक्ति पर नहीं गिरता है। जिस कारण से लोग इस झरने के पानी को बहुत पवित्र मानते हैं।
- पांडवो की स्वर्गारोहिणी यात्रा में पांडव में से सहदेव की मृत्यु इसी झरने के पास हुयी थी।
- इस वॉटरफॉल के पानी को बहुत औषधी पूर्ण माना जाता है। कहते है इस झरने के पानी से नहाने से सभी स्वास्थ्य रोग ठीक हो जाते हैं।
वसुधारा जलप्रपात का इतिहास (Vasudhara Waterfall History)
उत्तराखंड में स्थित वसुधारा झरने का इतिहास सदियों पुराना है। इस झरने को महाभारत काल से पहले का माना जाता है। कहते हैं इस जगह पर अष्टवसु में से एक ने ध्यान किया था जिस वजह से इस झरने का नाम वसुधारा पड़ा। ऐसा भी माना जाता है की इस झरने का नाम भगवान विष्णु को संदर्भित करता है, अर्थात वसु- “भगवान विष्णु” और धारा- “नदी का मार्ग” यानि भगवान विष्णु का मार्ग। अतः इस झरने को भगवान विष्णु का मार्ग कहा जाता है।
इस झरने के बेस गांव माणा में महर्षि वेदव्यास जी ने वेदो की रचना की थी। माणा गांव में स्थित व्यास गुफा और गणेश गुफा इस बात का प्रमाण देती हैं की इस जगह वेदो और पुराणों की रचना की गयी।
वसुधारा जलप्रपात की कहानी (Vasudhara Waterfall Story)
इस झरने के बारे में कहा जाता है की इसका पानी बहुत अधिक पवित्र है और इसका पानी किसी भी पापी व्यक्ति पर नहीं गिरता है। जिस कारण से यहाँ आने वाले श्रद्धालु इस झरने का पानी अपने साथ लेकर जाते हैं। यदि इस झरने का पानी आप पर गिर जाए तो आप एक पुण्य आत्मा हैं और आपको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
ऐसा माना जाता है की जब पांडवी स्वर्गारोहिणी की यात्रा पर थे तब पांडव में से सहदेव ने इसी जगह अपने प्राण त्यागे थे। पांडव अपनी पत्नी द्रोपदी सहित सहशरीर स्वर्ग जाना चाहते थे इसलिए वे स्वर्गारोहिणी की यात्रा पर थे। इस यात्रा के दौरान एक-एक करके द्रोपदी सहित चार पांडव अपने प्राण त्याग देते है और सिर्फ धर्मराज युधिष्ठिर ही स्वर्ग तक पहुंच पाते हैं।
वसुधारा जलप्रपात का रहस्य (Mystery of Vasudhara Waterfall)
वसुधारा झरना उत्तररखण्ड में स्थित एक बहुत पवित्र और रहस्यमयी झरना है। इस झरने का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथो में एक औषधी पूर्ण झरने के रूप में मिलता है। यह झरना 400 फिट ऊंचाई से गिरता है और ऐसा माना जाता है की इस झरने का पानी किसी भी ऐसे व्यक्ति पर नहीं गिरता है जिसने अपने जीवन में पाप किये हो। जिस भी व्यक्ति पर इस झरने का पानी गिरता है वह बहुत ही पुण्य आत्मा मानी जाती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस झरने का पानी जंगलो और बहुत से जड़ी बूटी से होकर आता है जिस कारण इसे औषधी पूर्ण पानी भी कहा जाता है।। ऐसा माना जाता है की यदि कोई व्यक्ति इस झरने के पानी से नहा ले तो उसके सभी स्वास्थ्य रोग ठीक हो जाते हैं। तो आप जब भी इस झरने के पास आये तो इसके पानी से नहाने का प्रयास या इसका पानी अपने साथ जरूर लेकर जाए।
वसुधारा ट्रेक में कहाँ रुके? (Where to stay in Vasudhara Trek?)
आप जब बद्रीनाथ धाम दर्शन करने के लिए आये तो आप बद्रीनाथ धाम में रुक सकते हैं। वहां से आप सुबह में दर्शन करने के बाद माणा गांव के लिए निकल जाए और फिर शाम तक इस झरने का ट्रेक करे। यदि आप ट्रेक में शाम तक लेट हो जाते हैं तो आप माणा गांव में रुक सकते हैं। यहाँ आपको सस्ते और अच्छे गेस्ट हाउस और रूम मिल जायेंगे। यदि आप यहाँ नहीं रुकना चाहते हैं तो आप वापस बद्रीनाथ आ सकते हैं और वहां रुक सकते हैं।
वसुधारा जलप्रपात ट्रेक (Vasudhara Waterfall Trek)
इस झरने तक पहुंचने के लिए आपको माणा गांव जो इस झरने का बेस कैंप है वहां से 5 किलोमीटर का ट्रेक करना होगा। यह ट्रेक शुरू में थोड़ा आसान है लेकिन आप जैसे-जैसे थोड़ा आगे की और बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे यह ट्रेक थोड़ा सा मुश्किल होता जाता है। ट्रेक का रास्ता पहाड़ो के बीच से होकर जाता है और थोड़ा रास्ता पत्थरो से भरा हो सकता है। यह ट्रेक थोड़ा सा मुश्किल है लेकिन उससे कही ज्यादा यह ट्रेक सुन्दर है।
आप माणा गांव से इस ट्रेक को शुरू करके लगभग 3 से 4 घंटे में पूरा कर सकते हैं। बद्रीनाथ धाम में इस झरने का बहुत अधिक महत्व है जिस कारण से जिन लोगो को भी इसके बारे में पता है वो इस जगह जरूर जाते हैं। इस झरने का रास्ता स्वर्गारोहिणी मार्ग पर है, जिस रास्ते से होकर पांडव स्वर्ग की ओर गए थे। इस झरने से नीलकंठ, बालाकून और चौखम्बा जैसे पर्वत बहुत ही सुन्दर दिखाई पड़ते हैं।
इस 5 किलोमीटर के ट्रेक के दौरान आपको रास्ते में सिर्फ 1 नास्ते की दूकान मिलेगी और कोई भी दूकान इस बीच में नहीं है। आप ट्रेक में अपने साथ के पानी की बोतल और कुछ खाने पीने का सामान जरूर रखे। यहाँ आपको रास्ते में सिर्फ नदियों का और पहाड़ो से रिस कर आने वाला पानी ही पीने को मिलेगा।
ट्रेक के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें (Things to keep in mind during the trek)
- ट्रेक के बीच में सिर्फ एक ही दूकान है तो आप अपने साथ कुछ खाने-पीने की चीज रखे।
- ट्रेक में आपको पानी की जरुरत होगी इसलिए अपने साथ एक पानी की बोतल रखे।
- यह ट्रेक 5 किलोमीटर का है जिसे पूरा करने में आपको लगभग 3 से 4 घंटे लगेंगे तो आप उसी हिसाब से ट्रेक को जल्दी शुरू करे।
- यह एक ऐसा ट्रेक है जिसे आप अकेले ही कर सकते हैं जिसमे आपको किसी गाइड की सहायता की जरूरत नहीं होगी।
- इस ट्रेक का रास्ता थोड़ा पत्थरो से होकर जाता है तो आप इस ट्रेक को आराम से करे और बीच-बीच में थोड़ा आराम करते रहें।
वसुधारा झरने तक कैसे पहुंचे? (How to reach Vasudhara Waterfall?)
आप इस झरने तक माणा गांव से 5 किलोमीटर का ट्रेक करके आसानी से पहुंच सकते हैं। माणा गांव बद्रीनाथ से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माणा गांव से सम्बंधित सभी जानकारियों को हम आपसे अपने पिछले ब्लॉग में साझा कर चुके हैं। तो आईये जानते हैं की आप वसुधारा वॉटरफॉल तक कैसे पहुंच सकते हैं…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे? (How to reach by road?)
वसुधारा वॉटरफॉल माणा गांव से 5 किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित है। माणा तक आप सड़कमार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। माणा उत्तराखंड के बाकि शहरों से सड़क परिवहन द्वारा बहुत अच्छे से जुड़ा हुआ है। यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून या ऋषिकेश पहुंचना होगा। इन दोनों जगहों से आपको सुबह में सरकारी और प्राइवेट बस मिल जाएँगी। यदि आपको सीधे माणा के लिए बस नहीं मिलती है तो आप देहरादून या ऋषिकेश से जोशीमठ पहुंच सकते हैं।
जोशीमठ से बद्रीनाथ तक की दूरी 40 किलोमीटर है। जोशीमठ से आप या तो सीधे माणा गांव के लिए प्राइवेट टैक्सी बुक कर सकते हैं या फिर आप बद्रीनाथ धाम आ सकते हैं। बद्रीनाथ धाम से 50 से 60 रुपये में आप माणा गांव तक पहुंच सकते हो। माणा गांव से आप वसुधारा वॉटरफॉल के लिए ट्रेक शुरू कर सकते हो।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे? (How to reach by rail?)
यदि आप माणा गांव तक ट्रेन द्वारा पहुंचना चाहते हो तो माणा या बद्रीनाथ में कोई भी रेलवे स्टेशन नहीं है। माणा के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। आप अपने शहर से ट्रेन द्वारा सिर्फ ऋषिकेश तक ही आ सकते हैं उसके बाद ऋषिकेश से माणा तक बाकि की दूरी को आप सड़कमार्ग द्वारा पूरा कर सकते हैं। ऋषिकेश से आप प्राइवेट गाड़ी बुक करके आसानी से माणा गांव पहुंच सकते हैं। ऋषिकेश के लिए ट्रेन दिल्ली या उत्तरप्रदेश के शहरों से आसानी से मिल जाएँगी।
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे? (How to reach by air?)
किसी भी जगह पहुंचने का सबसे आसान तरीका फ्लाइट द्वारा है। यह खर्चीला होता है लेकिन आरामदायक काफी होता है। यदि आप माणा या बद्रीनाथ फ्लाइट द्वारा आना चाहते हैं तो पहाड़ी इलाका होने के कारण यहाँ कोई भी एयरपोर्ट नहीं है। यहाँ के सबसे नजदीक एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो देहरादून में स्थित है। देहरादून से माणा तक की बाकि की दूरी को आप सड़कमार्ग द्वारा पूरा कर सकते हैं। देहरादून के लिए फ्लाइट आपको देश के बाकि बड़े एयरपोर्ट्स से मिल जाएगी।