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अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और दर्शन करने से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी (Complete information about to the consecration and darshan of the amazing Ayodhya Ram Temple.)

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भारत के उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है तो उत्तर प्रदेश को जन्मभूमि के नाम से, क्यूंकि उत्तर प्रदेश ही वह राज्य है जहाँ भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और भगवान शंकर को यहाँ का निवासी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश का शहर मथुरा जो श्री कृष्ण का जन्म स्थान है और अयोध्या प्रभु राम का जन्म स्थान है। अयोध्या में श्री राम का मंदिर बनाने के लिए हिन्दुओ को 500 साल का इंतज़ार करना पड़ा। जिसमे न जाने कितनी पीढ़ियों ने अपना योग दान दिया तो कितनी ही पीढ़ियां इसके लिए बलिदान हुयी।

आज वर्ष 2024 एक ऐतिहासिक साल है क्यूंकि 22 जनवरी 2024 को ही भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुयी है। हम इस ब्लॉग में भगवान राम की जन्मभूमि और अयोध्या राम मंदिर की सभी जानकारी आपसे साझा करेंगे। जिससे आप जब भी मंदिर में प्रभु राम के दर्शन करने के लिए जाए तो आपको इस ब्लॉग से सहायता मिले।

राम मंदिर कहाँ है?

अयोध्या राम मंदिर

राम मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में सरयू नदी के तट के किनारे स्थित है। श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी चालू है लेकिन मंदिर का गर्भ गृह और प्रथम तल बनकर तैयार है। 22 जनवरी 2024 को मंदिर में प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा की गयी है।

अयोध्या राम मंदिर का सम्पूर्ण इतिहास?

अयोध्या में श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गयी लेकिन इस मंदिर को बनाने में पूरे 500 साल लग गए। ऐसा नहीं है की इससे पहले यहाँ मंदिर नहीं था लेकिन सन 1528 में जब मुगलो का शासन भारत में फ़ैल रहा था तब मुग़ल शासक बाबर के सूबेदार मीरबाकी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के मंदिर को तोड़ कर मस्जिद का निर्माण कराया। मीरबाकी ने बाबर के नाम पर ही इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा। मुगलो का शासन कई दशकों तक चला जिस कारण हिन्दू इस मस्जिद का कुछ भी विरोध नहीं कर सके।

19वीं सदी में आते आते मुगलो का शासन कमजोर पड़ने लगा और अंग्रेजी हुकूमत भारत में अपने पैर फैला चुकी थी। अंग्रेजी हुकूमत आने के बाद हिन्दुओ ने मंदिर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और जन्मस्थली को वापस लेने की लड़ाई शुरू कर दी।

मीरबाकी द्वारा मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाने के 330 साल बाद 1858 में यह क़ानूनी लड़ाई शुरू हुयी जब मंदिर में पूजा करने पर FIR हुयी। इसके बाद विवादित भूमि को तारो के एक बड़े बाड़ द्वारा दो भागो में विभाजित कर दिया गया जिसमे दोनों पक्षों को अलग अलग स्थान पूजा और नमाज पड़ने के लिए दिए गए।

1885 में निर्मोही अखाड़ा के महंत श्री रघुवर दास ने फैजाबाद कोर्ट में एक स्वामित्व को लेकर मुकदमा दायर किया। फैजाबाद कोर्ट ने फैसले में माना की वहां हिन्दुओ द्वारा पूजा करने का अधिकार है लेकिन कोर्ट जिलाधिकारी के फैसले को बदल नहीं सकती है।

यह लड़ाई चलती रही और 1949 में मंदिर में भगवान राम की मूर्ति का प्रकटीकरण हुआ। ऐसे ही फिर मंदिर की क़ानूनी लड़ाई चलती रही और फिर 1990 में अयोध्या में बीजेपी और आरएसएस द्वारा रथ यात्रा की शुरुआत हुयी फिर कुछ सालो के बाद वह दिन आया जिसने अयोध्या की तस्वीर बदल कर रख दी। तारीख थी 6 दिसंबर 1992 सभी कारसेवक अयोध्या में विवादित ढांचे के पास पहुंच गए और लाखो की भीड़ एक दम से उग्र हो गयी और उसने विवादित ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ दिया।

उसके बाद यहाँ यह लड़ाई क़ानूनी होने के साथ-साथ सांप्रदायिक भी हो गयी। यह मामला फिर हाई कोर्ट जा पहुंच और फिर 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस फैसले में मध्यस्थता की गयी। 6 अगस्त 2019 से इस मामले में रोजाना सुनवाई शुरू हुयी और लगातार 40 दिन की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अपना फैसला सुनाया।

अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह माना की विवादित स्थल 2.77 एकड़ श्री राम की जन्मस्थली है। कोर्ट ने आदेश दिया की केंद्र सरकार एक ट्रस्ट का गठन करे जो मंदिर के निर्माण का कार्य कराये। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया की वह मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ की जगह दे जिसमे वो मस्जिद का निर्माण करा सके।

कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार ने 5 फ़रवरी 2020 को ट्रस्ट का गठन किया और 5 अगस्त 2020 को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा राम मंदिर की आधार शिला रखी गयी।

आधार शिला रखने के उपरांत लगभग 2 साल बाद 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी। अभी मंदिर निर्माण का कार्य चालू है और इसे पूरा बनने में अभी भी कुछ साल का समय लगेगा। तो कुछ इस प्रकार रहा है अयोध्या राम मंदिर का 500 साल का इतिहास।

अयोध्या राम मंदिर मूर्ति

राम मंदिर में अभी तीन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गयी है। जिसमे मुख्य मूर्ति का रूप भगवान राम के बाल्यकाल को दर्शाता है। इस मूर्ति का रंग सावलां है और इसकी ऊंचाई 4 फिट है। इसका वजन लगभग 200 किलो है। हमने मूर्ति का विवरण अपने पिछले ब्लॉग (अयोध्या में स्थापित राम लला की मूर्ति कैसी है?) में दिया है तो अधिक जानने के लिए उसे पढ़े।

अयोध्या राम मंदिर का विवरण

अयोध्या में बन रहा राम मंदिर अपनी परम्परागत शैली में बन रहा है। इस मंदिर की लम्बाई 380 फिट, चौड़ाई 250 फिट और इसकी ऊंचाई 161 फिट की है। मंदिर तीन मंज़िला है और प्रत्येक मंज़िल की ऊंचाई 20 फिट है। मंदिर में कुल 392 खम्भे हैं और 44 दरवाजे हैं। मंदिर के भूतल गर्भ गृह में श्री राम बाल रूप में विराजमान हैं। मंदिर में लगे खम्भों में देवी देवताओ की मुर्तिया और कलाकृति बनाई गयी हैं।

अयोध्या राम मंदिर

मंदिर में पहुंचने के लिए दिव्यांगजन तथा वृद्धो के लिए व्हील चेयर और लिफ्ट की सुविधा की गयी है। मंदिर के चारो ओर आयताकार परकोटा है और परकोटा के चारो कोनो पर चार मंदिर बने हुए हैं, जिसमे भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती और दक्षिणी ओर हनुमान जी और उत्तरी ओर माता अन्नपूर्णा का मंदिर है।

मंदिर में अभी भी कुछ और मंदिर बनने बाकी हैं जिसमे महर्षि वाल्मीकि मंदिर, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या

अयोध्या में कहाँ रुके?

आपने अयोध्या में कुछ दिन रुकने का प्लान किया है तो आपको यहाँ रुकने के लिए सही होटल्स और धर्मशालाए मिल जाएँगी। अभी जनवरी से होली तक अयोध्या में रूम मिलना थोड़ा मुश्किल है क्यूंकि लोगो ने पहले ही यहाँ के रूम ऑनलाइन बुक कर रखे हैं और यहाँ पर अभी उस हिसाब से होटल्स हैं भी नहीं। तो आपका जब भी प्लान बने उससे कुछ दिन पहले ही अयोध्या में रूम बुक कर ले। वैसे यहाँ रूम के रेट 800 से 1500 रुपये हो सकते हैं दो व्यक्तियों के लिए।

अयोध्या का खाना कैसा है?

KHANA

अयोध्या में आपको 150 से 200 रुपये या उससे भी कम में अच्छा भोजन मिल जाएगा। मंदिर के पास में ही नास्ते और खाने की दुकाने हैं जहाँ से आप कम रुपये में अच्छा भोजन कर सकते हैं। अयोध्या में आपको हर तरह का खाना मिल जायेगा। तो आप जिस भी तरह का भोजन करना चाहते है वह सब आपको मिल जायेगा।

अयोध्या राम मंदिर तक कैसे पहुंचे?

इस समय अयोध्या में बहुत तेज़ी से प्रगति हो रही है और आप यहाँ किसी भी साधन द्वारा पहुंच सकते हैं। अयोध्या में अभी रेलवे स्टेशन को बहुत अच्छे से रेनोवेट और सुविधाजनक किया गया है। अयोध्या में आप फ्लाइट और बस द्वारा भी आसानी से पहुंच सकते हैं। तो आईये इस बारे में अब विस्तार से जानते हैं….

बस द्वारा अयोध्या राम मंदिर कैसे पहुंचे?

अयोध्या में पहुंचने का सबसे अच्छा साधन बस द्वारा है। अयोध्या के लिए बसे आपको दिल्ली,लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और भी बहुत शहरों से आसानी से मिल जाएगी। इन बसों का किराया लगभग 500 से 1000 और थोड़ा इसके आस पास हो सकता है। दिल्ली से अयोध्या की दूरी 667 किलोमीटर की है जिसे पूरा करने में आपको 10 घंटे लग सकते हैं। बरेली से अयोध्या की दूरी 337 किलोमीटर की है। जिसे पूरा करने में आपको 7 घंटे लग सकते हैं।

अयोध्या बस स्टैंड से मंदिर तक की दूरी सिर्फ 900 मीटर की जिसे आप पैदल चलकर ही पूरा कर सकते हैं। आप बस स्टैंड पहुंच कर पहले धर्मशालाए या होटल देखे। आप होटल या धर्मशाला मंदिर से 2 किलोमीटर की रेंज में ही देखे। जिससे आपको अयोध्या में घूमने सहायता रहेगी।

ट्रेन द्वारा अयोध्या राम मंदिर तक कैसे पहुंचे?

अयोध्या ट्रेन द्वारा आना एक सस्ता और समझदारी वाला साधन है। जिससे आप कम रुपये में अच्छे से अयोध्या तक पहुंच सकते हैं। अयोध्या में दो रेलवे स्टेशन हैं। एक अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन और दूसरा अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन को पहले फैजाबाद रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था। जिसका नाम अब बदल दिया गया है। इन दोनों स्टेशन के लिए आपको ट्रेन आपके निकट रेलवे स्टेशन से मिल जाएँगी।

अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से राम मंदिर की दूरी 1 से 2 किलोमीटर की है। जिसे आप पैदल ही पूरा कर सकते हैं। स्टेशन से राम पथ की दूरी 1 किलोमीटर है। आप वैसे स्टेशन से मंदिर तक रिक्शा द्वारा आ सकते हैं जिसका किराया 10 रुपये प्रति व्यक्ति होता है लेकिन आप यहाँ तक पैदल ही चलकर आये जिससे आप यहाँ के वातावरण को महसूस कर सकते हैं।

यदि आप ट्रेन द्वारा अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं तो वहां से मंदिर की दूरी 10 किलोमीटर है। जिसे आप वहां की लोकल गाड़ी द्वारा पूरा कर सकते हैं।

फ्लाइट द्वारा अयोध्या राम मंदिर तक कैसे पहुंचे?

यदि आप यहाँ फ्लाइट द्वारा आना चाहते हैं तो आप अयोध्या फ्लाइट द्वारा भी आ सकते हैं। अयोध्या में श्री महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डा है। यह एयरपोर्ट राम मंदिर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से अयोध्या राम मंदिर तक आप वहां की लोकल गाड़ी द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। जिसका किराया 100 से 250 रुपये हो सकता है। अयोध्या के लिए फ्लाइट देश के बाकी बड़े शहरों से आसानी से मिल जाएँगी तो आप कभी भी अयोध्या में फ्लाइट द्वारा आ सकते हैं।

फ्लाइट द्वारा यहाँ आना बहुत ही सरल और आसान है लेकिन यह खर्चीला भी हो सकता है। तो आपको जिस भी साधन द्वारा आना हो आप उसके द्वारा अयोध्या राम मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते हैं।

राम मंदिर के आस पास की कुछ प्रसिद्ध जगह

आपको राम मंदिर में दर्शन के साथ-साथ यहाँ की कुछ और जगह भी जाना चाहिए। तो आईये जानते हैं अब उन जगहों के बारे में..

हनुमान गढ़ी

आप अयोध्या में सबसे पहले हनुमान गढ़ी में राम भक्त हनुमान जी के दर्शन करने के लिए जाए। यहाँ हनुमान जी एक क़िला रूप में बने हुये मंदिर में विराजमान हैं। अयोध्या में जो भी भक्त आते हैं वो हनुमान गढ़ी जरूर जाते हैं तभी भगवान राम के दर्शन को पूर्ण माना जाता है। हनुमान गढ़ी से राम मंदिर की दूरी 750 मीटर की है जिसे आप पैदल ही पूरा कर सकते हैं।

दशरथ महल

राम मंदिर के मार्ग में ही दशरथ महल पड़ता है। जहाँ महाराज दशरथ अपनी रानियों के साथ रहते थे। तो आप यहाँ महाराज दशरथ के दर्शन कर सकते हैं और महल में घूम सकते हैं।

कनक महल

आप यहाँ कनक महल भी जा सकते हैं। कनक महल के बारे में कहा जाता है की श्री राम माता जानकी के साथ यहीं रहा करते थे। यहाँ आप श्री राम और माता जानकी के एक साथ दर्शन कर सकते हैं।

सरयू घाट

आप अयोध्या में सरयू घाट पर कुछ समय जरूर बिताये और शाम की आरती में जरूर शामिल हों। यहाँ घाटों पर रात का नज़ारा बहुत ही सुन्दर होता है, जो मन को शांत और सुकून देने वाला होता है। घाटों पर आप नाव में सरयू नदी में घूम सकते हैं। रात में घाटों से मंदिर पर होने वाले लेज़र शो को भी देखे जो बहुत ही सुन्दर होता है।

आप यहाँ सूरजकुंड और गुप्तार घाट भी जा सकते हैं। राम मंदिर से सूरज कुंड की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है जहाँ तक आप पैदल और रिक्शा द्वारा पहुंच सकते हैं और गुप्तार घाट तक की दूरी लगभग 8 किलोमीटर की है।

तो आप कुछ इस प्रकार राम मंदिर में दर्शन के साथ साथ आप कुछ और भी जगह दर्शन और घूम सकते हैं।

कुछ महत्वपूर्ण बाते

  • आप अयोध्या में राम लला के दर्शन के साथ हनुमान गढ़ी में हनुमान जी के दर्शन जरूर करे तभी आपकी यह यात्रा पूर्ण मानी जाएगी।
  • आप अयोध्या में आने से कुछ दिन पहले ही यहाँ रूम बुक कर दे इससे आपको सस्ते और यहाँ आने पर रूम ढूढ़ने में समय ख़राब नहीं करना पड़ेगा।
  • आप मंदिर में दिन में तीन समय दर्शन कर सकते हैं तो आप उसी हिसाब से अपने समय को व्यवस्थित करे।
  • अयोध्या आने का सबसे अच्छा साधन ट्रेन द्वारा इससे आप कम रुपये में अयोध्या आ सकते हैं।

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