उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव के पंच केदार मंदिर में से चार मंदिर (केदारनाथ, रुद्रनाथ, तुंगनाथ, मधेश्वरनाथ) साल में सिर्फ 6 महीने के लिए ही खुलते हैं बाकि 6 महीने बंद रहते हैं। कल्पेश्वरनाथ मंदिर ही पंच केदार का एकमात्र मंदिर है जो साल भर भक्तो के लिए खुला रहता है। इस साल 2024 में 10 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ-साथ तुंगनाथ मंदिर के कपाट भी खोल दिए हैं।
इस ब्लॉग में हम तुंगनाथ मंदिर के कपाट खुलने (Tungnath Mandir Opening Date) और मंदिर में दर्शन करने से सम्बंधित सभी जानकारियों को आपसे साझा करेंगे। आप किस प्रकार से यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, यात्रा करने का बेस्ट समय कौन सा है और आपको इस यात्रा के लिए कितना बजट चाहिए होगा इन सभी बातों को हम इस ब्लॉग के माध्यम से आपसे साझा करेंगे। तो आईये जानते हैं तुंगनाथ मंदिर के खुलने और यात्रा करने से सम्बंधित सभी जानकारियों को…
विषय सूची
शार्ट जानकारी
जगह | तुंगनाथ मंदिर |
पता | जिला रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड |
प्रसिद्ध होने के कारण | पंच केदार मंदिर में से एक होने के कारण और दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर होने के कारण |
कपाट खुलने की तिथि | 10 मई 2024 |
ट्रेक की दूरी | लगभग 4 किलोमीटर |
यात्रा करने का बेस्ट समय | मई से जून और सितम्बर से नवंबर तक |
निकटम रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश रेलवे स्टेशन |
निकटम एयरपोर्ट | जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून |
तुंगनाथ मंदिर कहाँ है?
तुंगनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले के चोपता में स्थित है। चोपता गांव से यह मंदिर लगभग 4 किलोमीटर के पैदल दूरी पर स्थित है। यह भगवान शिव का मंदिर दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित मंदिर है, जो 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर पंच केदार मंदिर में से एक है और यह साल में सिर्फ 6 महीनो के लिए ही खुलता है बाकि साल के 6 महीने यह मंदिर बंद रहता है।
तुंगनाथ मंदिर खुलने की डेट
तुंगनाथ मंदिर चार धाम मंदिरो और पंच केदार के तीन मंदिरो की तरह सिर्फ साल में 6 महीने के लिए ही खुलता है। पिछली साल 2023 में नवंबर के महीने में अधिक ठण्ड और बर्फवारी पड़ने की वजह से इस मंदिर के कपाट विधि पूर्वक बंद कर दिए गए थे। अब 2024 में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही 10 मई 2024 को ही तुंगनाथ मंदिर के कपाट भी खोल दिए गए हैं। तुंगनाथ मंदिर के साथ बाकि पंच केदार मंदिरो के कपाट खुलने की डेट के लिए नीचे तालिका को देखे…
Panch Kedar Mandir | Opening Date |
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केदारनाथ मंदिर | 10 मई 2024 |
मधेश्वरनाथ मंदिर | 22 मई 2024 |
तुंगनाथ मंदिर | 10 मई 2024 |
रुद्रनाथ मंदिर | 18 मई 2024 |
कल्पेश्वरनाथ मंदिर | साल भर खुला रहता है। |
तुंगनाथ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय
तुंगनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को पूरे विधि विधान से खोल दिए गए हैं। 10 मई से लेकर नवंबर महीने तक आप कभी भी इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आ सकते हैं। यदि मंदिर में दर्शन करने के सबसे अच्छे समय की बात करे तो वो है कपाट खुलने से जून तक का और फिर सितम्बर से नवंबर तक है। जुलाई से अगस्त के महीने में मानसून आने पर तुंगनाथ या फिर उत्तराखंड के किसी भी मंदिर की यात्रा करने से थोड़ा बचना चाहिए क्यूंकि यह समय थोड़ा खतरों से भरा हो सकता है।
तुंगनाथ मंदिर तक का ट्रेक
आप जब भी तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए जाए तो सुबह लगभग 3 से 4 बजे के करीब अपना ट्रेक शुरू कर दे। तुंगनाथ मंदिर के कपाट सुबह में लगभग 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं। जिससे आप सुबह में जल्दी और आराम से भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं।
सुबह में जल्दी ट्रेक करने का एक फायदा और भी है और वो यह है की आपको तुंगनाथ मंदिर से ऊपर की ओर चंद्रशिला पहाड़ी पर एक बहुत ही आकर्षक और सुन्दर सूर्योदय देखने को मिलता है। अधिकतर श्रद्धालु इसी लिए सुबह में जल्दी इस ट्रेक को पूरा करते हैं और पहाड़ी से सूर्योदय को अपने अपने मोबाइल में कैद करते हैं। तो हो सके तो आप भी ट्रेक को जल्दी शुरू करे और इस सुन्दर दृश्य को देखे।
तुंगनाथ डोली यात्रा
आपने केदारनाथ डोली यात्रा के बारे में सुना होगा जो लगभग 60 किलोमीटर की होती है। इसी तरह से तुंगनाथ डोली यात्रा भी होती है जो उत्तराखंड के मक्कूमठ से तुंगनाथ मंदिर तक होती है। जब तुंगनाथ मंदिर के कपाट ठंडो में अधिक ठण्ड पड़ने की वजह से बंद कर दिए जाते हैं तब भगवान शिव की मूर्तियों को तुंगनाथ मंदिर से मक्कूमठ के मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है और गर्मियों में कपाट खुलने पर वापस मूर्तियों को तुंगनाथ मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है।
यह क्रम हर साल चलता है और कई सदियों से चला आ रहा है। अब जब तुंगनाथ मंदिर के कपाट खुलने जा रहे हैं तो मक्कूमठ के भूतनाथ मंदिर से भगवान शिव की मूर्तियों को डोली में सजा कर तुंगनाथ मंदिर में स्थापित कर दिया जायेगा। यह यात्रा लगभग 25-30 किलोमीटर की होती है। तो आप इस डोली यात्रा में एक बार जरूर शामिल हों और इसका अनुभव करे।
तुंगनाथ मंदिर कैसे पहुंचे?
पंच केदार मंदिरो में से तुंगनाथ मंदिर एक ऐसा मंदिर है जिसका ट्रेक बहुत ही आसान है और यहाँ तक पहुंचना भी बहुत आसान है। तुंगनाथ रुद्रप्रयाग जिले में चोपता गांव के पास स्थित है। यहाँ तक पहुंचने का सबसे अच्छा साधन यह है की आप अपनी गाड़ी से तुंगनाथ तक आये। यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा आना चाहते हैं तो उसके द्वारा भी आ सकते हो। तो आईये जानते हैं की आप किस प्रकार से तुंगनाथ मंदिर तक पहुंच सकते हो…
सड़कमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
तुंगनाथ मंदिर तक पहुंचने का सबसे अच्छा साधन यह है की आप अपनी गाड़ी से तुंगनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए आये। यदि आप उत्तराखंड राज्य के अलावा किसी और राज्य से हैं तो आप सबसे पहले ऋषिकेश या देहरादून पहुंचे और उसके बाद नीचे दिए गए रूट को फॉलो करें…
देहरादून – ऋषिकेश – श्रीनगर – रुद्रप्रयाग – अगस्तमुनि – उखीमठ – चोपता – तुंगनाथ
हरीद्वार – ऋषिकेश – श्रीनगर – रुद्रप्रयाग – अगस्तमुनि – उखीमठ – चोपता – तुंगनाथ
यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा आना चाहते हैं तो आप सबसे पहले अपने शहर से ऋषिकेश या हरिद्वार पहुंचे। हरिद्वार या ऋषिकेश से सीधे चोपता के लिए बस मिलना थोड़ा मुश्किल है इसलिए आप यहाँ से बस या प्राइवेट गाड़ी द्वारा रुद्रप्रयाग पहुंचे। रुद्रप्रयाग से आपको सीधे चोपता के लिए प्राइवेट गाड़ी मिल जाएँगी। यदि आप थोड़ा लेट हो जाते हैं और गाड़ी नहीं मिलती है तो आप रुद्रप्रयाग में रुक सकते हैं या फिर आप वहां से उखीमठ आ सकते हैं। उखीमठ से चोपता के लिए आसानी से प्राइवेट गाड़ी मिल जाएँगी जिनकी सहायता से आप चोपता पहुंच सकते हैं।
रेलमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
पहाड़ी इलाका और अधिक ऊंचाई पर होने के कारण चोपता में कोई भी रेलवे सुविधा मौजूद नहीं है। चोपता के सबसे निकट रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश से चोपता की दूरी 172 किलोमीटर है। जिसे पूरे करने में लगभग 6 से 7 घंटे लगते हैं। ऋषिकेश से चोपता तक आप कैसे पहुंच सकते हैं उसके बारे में हम पहले ही ऊपर बता चुके हैं।
हवाईमार्ग द्वारा कैसे पहुंचे?
चोपता में या इसके आस पास कोई भी एयरपोर्ट नहीं है। चोपता के सबसे निकट एयरपोर्ट जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। जो चोपता से 186 किलोमीटर की दूरी पर देहरादून में स्थित है। देहरादून से चोपता तक की दूरी को आप आसानी से प्राइवेट गाड़ी द्वारा पूरा कर सकते हैं।